Book Title: Anangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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________________ 4 अनंगपविट्ठसुत्ताणि लयहलधरकोसेजागासकेसकजलंगीखंजणसिंगभेदरियजंबूफलअसणकसणबंधणणीलुप्पलपत्तनिकरअयसिकुसुमप्पगासे मरगयमसारकलित्तणयणकीयरांसिवण्णे णिद्धघणे अहसिरे आयसयतलोवमे सुरमे ईहामियउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ते आईणगरूयबूरणवणीयतूलफरिसे सीहासणसंठिए पासादीए दरिसणिज्जे अभिरुवे पडिरूवे // 4 // तत्थ णं चंपाए णयरीए कूणिए णामं राया परिवसइ, महयाहिमवंतमहंतमलयमंदरमहिंदसारे अच्चंतविसुद्धदीहरायकुलवंससुप्पसूए णिरंतरं रायलक्खणविराइयंगमंगे बहुजणबहुमाणपूइए सव्वगुणसमिद्धे खत्तिए मुइए मुद्धाहिसित्ते माउपिउसुजाए दयपत्ते सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे मणुस्सिदे जगवयपिया जणवयपाले जणवयपुरोहिए सेउकरे केउकरे णरपवरे पुरिसवरे पुरिसंसीहे पुरिसवग्वे पुरिसासीविसे पुरिसपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अड्ढे दित्ते वित्ते विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णे बहुधणबहुजायरूवरयए आओगपओगसंपउत्ते विच्छडिड्यपउरभत्तपाणे बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूए पडिपुण्णजंतकोसकोडागाराउहागारे बलवं दुब्बलपच्चामित्ते ओहयकंटयं णिहयकंटयं मलियकंटयं उद्धियकंटये अकंटयं ओहयसत्तुं णिहयसत्तुं मलियसत्तुं उद्धियसत्तुं णिज्जियसत्तुं पराइयसत्तुं ववगयदुभिक्खं मारिभयविप्पमुक्कं खेमं सिवं सुभिक्ख पसंतडिंबडमरं रज्जं पसासेमाणे विहरइ // 5 // तस्स णं कोणियस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्था, सुकुमालपाणिपाया अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरा लक्खणवंजणगुणोववेया माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंगी ससिसोमाकारकंतपियदंसणा सुरूवा करयलपरिमियपसत्थतिवलियवलियमज्झा कुंडलुल्लिहियगंडलेहा कोमुइरयणियरविमलपडिपुण्णसोमवयणा सिंगारागारचारुवेसा संगयगयहसियभणियविहियविलाससललियसंलावणिउणजुत्तोवयारकुसला(सुंदर थणजघणवयणकरचरण णयणलावण्ण विलास कलिया) पासादीया दरिसणिजा अभिरुवा पडिरूवा, कोणिएणं रण्णा भंभसारपुत्तेणं सार्द्ध अणुरत्ता अविरत्ता इठे सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोए पच्चणुभवमाणी विरहइ // 6 // तस्सणं कोणियस्स रण्णो एक्के पुरिसे विउलकयवित्तिए भगवओ पवित्तिवाउए भगवओ तद्देवसियं पवित्ति णिवेएइ, तस्स णं पुरिसस्स बहवे अण्णे पुरिसादिण्णभइभत्तवेयणा भगवओ पवित्तिवाउया भगवओ तद्देवसियं पवित्तिं णिवेदेति // 7 // तेणं कालेणं तेणं समएणं कोणिए राया भंभसारपुत्ते बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए अणेगगणणायगदंडणायगराई

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