Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
View full book text ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.१ 6.7 मणिरयणथूमियाए णाणाविहपंच-वण्ण-घंटा-पडाग-परिमंडियग्गसिहरे धवले मरीइकवयं विणिम्मुयंते लाउल्लोइयमहिए जाव झया। तस्स णं सिद्धाययणस्स तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता / तेणं दारा पंचधणुसयाई उड्डे उच्चतेणं अड्डाइजाई धणुसयाई विक्खंमेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेयावरकणगथूभियगा दारवण्णओ जाव वणमाला / तस्स णं सिद्धाययणस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव तस्स णं सिद्धाययंणस्स णं बहुसमरमणिजस्सं भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थणं महं एगे देवच्छंदए पण्णत्ते, पंच धणुसयाई आयायविक्खंभेणं साइरेगाइं पंच धणुसयाई उड्डे उच्चत्तेणं सव्वरयणामए / एत्थणं अट्ठसयं जिणपडिमाणं जिणुस्सेहप्पमाणमित्ताणं संणिक्खित्तं चिट्ठइ एवं जाव धूवकडुच्छुगा-।। 13 / / कहि णं भंते ! वेयड्ढे पव्वए दाहिणभरहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! खंडप्पवायकूडस्स पुरथिमेणं सिद्धाययणकूडस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं वेयड्ढपव्वए दाहिणभरहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, सिद्धाययणकडप्पमाणसरिसे जाव तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे पासायवडिंसए पण्णत्ते, कोसं उड्डे उच्चत्तेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिए जाव पासाईए 4, तस्स णं पासायवडिसगस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पण्णत्ता, पंच धणुसयाई आयामविक्खंभेणं अड्डाइजाई धणुसथाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई०, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं सिंहासणं पण्णत्ते, सपरिवार भाणियव्वं, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-दाहिणभरहकूडे 2 1 गो० ! दाहिणड्डभरहकूडे णं दाहिणड्डभरहे णामं देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं अग:महिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाण सत्तण्हं अणियाहिवईणं सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं दाहिणड्डभरहकूडस्स दाहिणड्डाए रायहाणीए अण्णेसिं च बहूणं देवाण य देवीण य जाव विहरइ // कहि णं भंते ! दाहिणड्डभरहकूडस्स देवस्स दाहिणड्ढा णामं रायहाणी पप्णत्ता गो० ! मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं तिरियमसंखेजदीवसमुद्दे वीईवइत्ता अणं जंबुद्दीवे दीवे दक्खिणेणं बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणभरहकूडस्स देवस्स दाहिणड्डभरहा णामं रायहाणी भाणियव्वा जहा विजयस्स देवस्स, एवं सव्वकूडा णेयव्वा जावं वेसमणकूडे परोप्परं पुरथिमपच्चत्थिमेणं, इमीसिं वण्णावासे गाहा--मज्झे वेयडस्स उ कणयमया तिण्णि होंति कूडाओ / सेसा पव्वयकूडा
Loading... Page Navigation 1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 746