Book Title: Alankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Author(s): Shobhakant Mishra
Publisher: Bihar Hindi Granth Academy

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Page 835
________________ ...८१२ ] अलङ्कार-धारणा : विकास और विश्लेषण उल्लेख किया था, यह विवादास्पद है, पर इतना स्पष्ट है कि जिस मल्लप्रतिमल्ल-भाव में उन्होंने सङ्ग्रामोद्दामहुङ कृति की कल्पना की थी उसी को जगत सिंह ने संग्रामोद्दामहु कृति अलङ्कार कहा है । * हिन्दी के रीति-काल में चित्र अलङ्कार का बड़ा व्यापक विवेचन हुआ है । अनेक नवीन बन्धों की कल्पना की गयी है । घड़ी -बन्ध तक की · कल्पना कर ली गयी है । अनेक अलङ्कार-ग्रन्थ केवल चित्र अलङ्कार पर लिखे गये हैं । इसका कारण यह है कि रीति-काल मुख्यतः कृत्रिमता का काल था । चमत्कार - प्रदर्शन की प्रवृत्ति कवियों में अधिक थी । अतः, आचार्य भी बुद्धिविलास से नवीन-नवीन चित्रों की कल्पना कर रहे थे । संस्कृत के अलङ्कृत - काल में भी 'विदग्धमुखमण्डन' जैसे ग्रन्थ में चित्रालङ्कार का विस्तृत विवेचन किया गया था । * अलङ्कारों के स्वरूप - विकास के साथ उनके वर्गीकरण की आवश्यकता हुई। आरम्भ में शब्द और अर्थ के आधार पर अलङ्कारों के दो वर्ग माने गये। ध्यातव्य है कि प्रत्येक अलङ्कार शब्द और अर्थ; दोनों की अपेक्षा रखता है । यमक में भी सार्थक शब्द की अर्थ-भेद से आवृत्ति अपेक्षित मानी गयी है; अतः यह शब्दालङ्कार सर्वथा अर्थ- निरपेक्ष नहीं । समासोक्ति, परिकर, परिकराङ्क ुर आदि अर्थालङ्कार भी विशेष प्रकार के पद के प्रयोग की अपेक्षा रखते हैं । ऐसी स्थिति में शब्दालङ्कार तथा अर्थालङ्कार के निर्धारण के लिए यह मानदण्ड स्थापित किया गया कि यदि किसी उक्ति में से किसी शब्द को हटाकर उसका पर्यायवाची दूसरा शब्द रख देने पर अलङ्कारत्व नष्ट हो जाय तो उस अलङ्कार का मुख्य आधार शब्द को माना जाता है और उसे शब्दालङ्कार कहा जाता है । इसके विपरीत यदि शब्दविशेष के स्थान पर उसका पर्यायवाची शब्द रखने पर भी अलङ्कारत्व की हानि नहीं हो तो उसे अर्थालङ्कार माना जाता है । इस प्रकार पर्याय- परिवर्तन को सहन न करने वाला शब्दालङ्कार तथा पर्याय परिवर्तन को सहन करने वाला अर्थालङ्कार माना जाता है । यह वर्गीकरण अलङ्कार के आश्रय के आधार पर किया गया है। दोनों के बीच एक उभयालङ्कार वर्ग भी कल्पित हुआ है। अलङ्कारों के मूल तत्त्व के आधार पर भी उनका वर्गीकरण किया गया है । सादृश्य, विरोध, अतिशय शृङ्खला, न्याय आदि का तत्त्व समान रूप से ,

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