Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohasya Part 04 Author(s): Manikyasagarsuri Publisher: Mithabhai Kalyanchandji Pedhi View full book textPage 5
________________ // 5 // शुद्धम् हरण नुकल्वं नुकल्यं 09 पृष्ठम् पक्तिः अशुद्धम् 2 परो 8 निदिश्य , 23 .बश शृणु० चाणक्य परिणाप्रमा० षोडशक: , 14 तृतीयोषध० कल्पावि० 12 5 माहप्प उवेक्खणज्जो मुसिक भुमुज्झि. 142 तुषल. निषेधो मातुक्षय शुद्धिपत्रकम् / शुद्धम् पुष्ठम् पक्तिः अशुद्ध परा 19 13 हरणा. निर्दिश्य बहुशः 21 7. शः शृणु० नायवि० चाणाक्य नेमिनं परिणामा० 24 5 समाचार्य षोडशकम् 25 5 मेतयाः / नृपः चाच्चं . तृतीयौषध. 26. 1 दाऽपूत कल्पवि. श्रद्धधानः महाप्पं पडूते० उवेक्वणिजो 27 છે वर्ण विष्ठाद्यपि भूसुज्झि तवल० दोपा० रुधि मातुश्चा० यः 5. मर्ता नार्यवि० नेमीन समाचर्य मेतयोः चोच्वं दोऽपूत श्रदधानः पडते. नृप वर्णः सुत्त. विष्टाद्यपि बुद्धी // 5 // निषेधे 8 2 दोषा० रुधिरं भर्ता P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak TrustPage Navigation
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