Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohasya Part 04
Author(s): Manikyasagarsuri
Publisher: Mithabhai Kalyanchandji Pedhi

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Page 3
________________ प्रकाशकीयनिवेदन। // 3 // परम पुज्य गच्छाधिपति आचार्य श्रीमाणिक्यसागरसूरीश्वरजी महाराज आदि ठाणा वि. सं. ! 2010 ना वर्षे कपडवंज शहेरमां मीठाभाई गुलालचंदना उपाश्रये चतुर्मास बीराज्या हता। आ अवसरे विद्वान् बालदीक्षित मुनिराज श्रीसूर्योदयसागरजी महाराजनी प्रेरणाथी 'आगमोद्धारकग्रन्थमालानी स्थापना थएली हती आ ग्रन्थमालाए त्यारवाद प्रकाशनोनी ठीक ठीक प्रगति करी छ सूरीश्वरजीनी पुण्यकृपाए आ 'आगमोद्धारककृतिसंदोह'नो ४थो भाग के जेमां नानी मोटी 31 कृति छे. ते ग्रंथने आगमोद्धारकग्रंथमालाना 15 रत्न तरीके प्रगट करतां अमने बहु हर्ष थाय छे. आनी प्रेसकोपी स्व. गणिवर्य श्रीचन्दनसागरजी महाराजे करेल अने आनु संशोधन प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्री माणिक्यसागरसूरीश्वरजी म. नी पवित्र दृष्टि नीचे थयेल छे. ते बदल तेओश्रीनो तेमज जेओए आना प्रकाशनमां द्रव्य आपवानी सहाय करी छे, ते बधा महानुभावोनो आभार मानीए छीए. लि. प्रकाशक // 3 // P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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