Book Title: Agam Suttani Satikam Part 08 Vipakshrut Auppatik Rajprashniya Sutram Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Agam Shrut Prakashan View full book textPage 2
________________ बालब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नमः नमो नमो निम्मल दंसणस्स श्री आनंद - क्षमा- ललित- सुशील-सुधर्मसागर गुरूभ्योनमः आगम सुत्त्राणि (सटीक) भागः-८ विपाकश्रुताङ्गसूत्रं, औपपातिकउपाङ्गसूत्रं, राजप्रश्नीयउपाङ्गसूत्रं -: संशोधकः सम्पादकश्चः मुनि दीपरत्नसागर ता. १४/४/२००० रविवार २०५६ "" ४५- आगम सुत्ताणि- सटीक मूल्य रू.११०००/ 5 आगम श्रुत प्रकाशन 5 - संपर्क स्थल : 'आगम आराधना केन्द्र” शीतलनाथ सोसायटी विभाग - १, फ्लेट नं-१३, ४ थी मंझिल, व्हायसेन्टर, खानपुर, अहमदाबाद (गुजरात) Jain Education International चैत्र सुद ११ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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