Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 13
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 199
________________ 182} [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः त्रयोदशमो विभागः दही पलियमसंखेजभागऽहिया) // 41 // तिराणुदही-पलिग्रोवम मसंखभागो जहन्न नीलठिई / दसउदही पलिग्रोवम मसंखभागं च उक्कोसा // 42 // दसउदही पलियोवम-मसंखभागं जहनिया होइ / तित्तीससागराई, उक्कोसा होइ किराहाए // 43 // एसा नेरईयाणं लेसाण ठिई उ वरिणया होइ / तेण परं वुच्छामि, तिरियमणुस्साण देवाणं // 44 // अन्तोमुहुतमद्धं, लेसाण ठिई जहिं जहिं जा उ। तिरियाण नराणं वा, वजित्ता केवलं जेसं // 45 // मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, उक्कोसा होइ पुवकोडी उ। नवहिं वरिसेहिं ऊणा, नायव्यो सुक्कलेमाए // 46 // एसा ति रयन राणं, लेताण ठिई उ वरिणया होइ / तेण परं वु'छा.मे, ले ताण ठिई उ देवाणं // 47 // दस-वाससहस्साई, किराहाए ठिई जहनिया होइ / पलियमसंखिजइमो, उक्कोतो होइ किराहाए // 48 // जा किराहाइ ठिई खलु, उकोसा सा उ समयमभहिया / जहन्नेणं नीलाए, पलियमसंखं च उकोमा // 11 // जा नीलाइ ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमभहिया / जहन्नेणं काऊए, पलियमसंखं च उक्कोसा // 50 // तेण परं वुच्छामि, तेउलेसा जहा सुरगणाणं / भवणवइ वाणमन्तर-जोइस वेमाणियाणं च // 51 // पलियोदमं जहन्ना, उक्कोमा सागरा उ दुराहऽहिया / पलियमसंखिज्जेणं, होई भागेण तेऊए // 52 // दस वासहस्साई, तेऊइ ठिई जहन्निया होइ / दुन्नुदही पलियोवम, असंखभागं च उक्कोमा // 53 // जा तेउइ ठिई खलु, उक्कोसा उ समयमभहिया / जहन्नेणं पम्हाए, दस मुहुत्त हेयाई उक्कोसा // 54 // जा पम्हाइ ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमभहिया। जहन्नेणं सुक्कार, तित्तीस मुहुत्तमब्भहिया // 55 // किराहा नीला काऊ, तिनिवि लेसाउ अहम्म(अहम)लेसाउ / एयाहि तिहिवि जीवो, दुग्गई उववजई // 56 // तेउ पम्हा सुका, तिन्निवि एयाउ धम्मलेसाउ। एयाहि तिहिवि जीवो, सुग्गई उववजई // 57 // लेसाहिं सव्वाहिं, पढमे समयम्मि परिणयाहिं तु / न हु

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