Book Title: Agam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 422
________________ 364... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण दूसरे दिन योगवाही द्वितीय अध्ययन के उद्देश की क्रिया करें, फिर द्वितीय अध्ययन के पहले दूसरे उद्देशक के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ सात-सात बार करें। तीसरे, चौथे एवं पाँचवें दिन योगवाही द्वितीय अध्ययन के क्रमशः तीसरे-चौथे, पाँचवें-छठवें, सातवें-आठवें उद्देशकों के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा प्रतिदिन एक- एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ छह-छह बार करें। छठवें दिन योगवाही नौवें उद्देशक के उद्देश- समुद्देश की क्रिया करें, फिर द्वितीय अध्ययन का समुद्देश करें। उसके बाद नौवें उद्देशक एवं अध्ययन की अनुज्ञा करें। एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ पाँच-पाँच बार करें। सातवें दिन योगवाही तृतीय अध्ययन का उद्देश करें। फिर इसके पहलेदूसरे उद्देशक के उद्देश- समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ सात-सात बार करें। आठवें दिन से लेकर तेरहवें दिन तक तृतीय अध्ययन के तीसरे उद्देशक से लेकर चौदहवें उद्देशक तक के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें। इसमें प्रत्येक दिन क्रमशः दो-दो उद्देशकों के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा एक-एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ छह-छह बार करें। चौदहवें दिन योगवाही पन्द्रहवें - सोलहवें उद्देशक के उद्देश - समुद्देश की क्रिया करें, फिर तीसरे अध्ययन का समुद्देश करें। उसके बाद पन्द्रहवें - सोलहवें उद्देशक एवं तृतीय अध्ययन की अनुज्ञा करें तथा एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ आठ-आठ बार करें। पन्द्रहवें दिन योगवाही चतुर्थ अध्ययन का उद्देश करें। उसके बाद इसके पहले- दूसरे उद्देशक के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ सात-सात बार करें। सोलहवें दिन से लेकर इक्कीसवें दिन तक योगवाही चतुर्थ अध्ययन के तृतीय से चौदहवें तक के उद्देशकों के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें।

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