Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 828
________________ परिशिष्ट 2 : गाथानुक्रमणिका] [717 घणुपरक्कम किच्चा धणेण किं धम्मधुराहिगारे धम्मज्जियं च ववहारं धम्मत्थिकाए धम्मलद्ध मियं काले धम्माधम्मागासा धम्माधम्मे धम्मारामे चरे धम्मे हरए धम्मो अधम्मो आगासं र 21 न रूव-लावण्ण-विलासहासं 14 17 न लवेज्ज पुट्ठो सावज्जं 1 42 नवा लभेज्जा 36 5 न वि जाणासि वेयमुहं 8 न वि मुडिएण समणो ___8 न सयं गिहाई न संतसे न वारेज्जा न सा ममं नो वि 46 न हु जिणो अज्ज दीसई 7 न हु पाणवहं नहेव कूचा समइक्कमंता नंदणे सो उ पासाए नाइ उच्चेव नीए वा 26 नाइदरमणासन्न नागो जहा पंकजलावसन्नो 1665 नागोब्व बंधणं छित्ता 25 40 नाणस्स केवलीणं 32 101 नाणस्स सव्वस्स नाणस्सावरणिज्ज नाणं च दसणं चेव धम्म पि हु धिरत्थु ते जसोकामी धीरस्स पस्स 0K 2 on or on w न इम सब्वेसु न कज्ज मझ न कामभोगा समयं उवेन्ति न कोवए पायरियं नच्चा उप्पइयं दुक्खं नच्चा नमइ मेहावी न चित्ता तायए भासा नहि गीएहि न तस्स दुक्खं न तं अरी कंठछेत्ता करेइ न तुज्झ भोगे न तुम जाणे प्रणाहस्स नत्थि चरित्तं सम्मत्तविहणं नत्थि नणं परे लोए न नत्थं पाणहेउं वा न पक्खनो न पुरग्रो नमी नमेइ अप्पाणं mroorra vm Mmm rrrow mmy नाणा दुमलयाइण्णं नाणा रुइं च छंदं च नाणावरणं पंचविहं नाणेण जाणइ 2016 नाणेण सणेणं च 26 नादणिस्स नाणं नाट्टो वागरे किंचि नामकम्मं च गोयं च 18 नामकम्मं तु दुविहं नामाईवण्णरसगंध 18 45 नारीसु नो पगिज्झेज्जा नावा य इइ 11 12 नासीले न विसीले 13 18 नाहं रमे पक्खिणि पंजरे वा ANWW. WWHAMA. 1 13 23 72 न मे निवारणं अत्थि न य पावपरिक्खेवी नरिद ! जाई प्रहमा नराणं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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