Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________ परिशिष्ट 2 : गाथानुक्रमणिका] [725 v our सुइं च लध्दं सुक्कज्झाणं सुकडित्ति सुपक्कित्ति सुम्मीवे नयरे रम्मे सुच्चाण मेहावी सुणिया भावं सुणेह मे महाराय ! सुणेह मे एगग्गमणा सुत्तेसु यावि पडिबुद्धजीवी सुद्ध सणाप्रो नच्चाणं सुयाणि मे सुया मे नरए सुवण्णरुप्पस्स उ पव्वया सुसाणे सुन्नगारे वा सुसाणे सुन्नगारे वा सुसंभिया कामगुणे इमे ते सुसंवुडा पंचहि संवेरहि सुहं वसामो जीवामो सुहुमा सव्वलोम्मि 3 10 सो दाणिसिं राय ! सो देवलोगसरिसे 1 36 सो बेइ अम्मा 16 1 सो बेइ अम्मापियरो 2051 सोयरिंगणा प्रायणिधणेण 1 6 सोयस्स सइं गहणं 17 सोऽरिट्टनेमिनामो उ 1 सोरियपुरम्मि 6 सोलसविहभेएण 11 सो वागकुलसंभूरो 10 सो वि अन्तरमासिल्लो 12 सोवीर-रायवसभो 48 सोही उज्जुयभूयस्स 6 सो होइ अभिगमरुई an my lym av MAMACNMAMI GOW UNK mm 20 1 CM UMAN mroM सुहोइओ तुम पुत्ता ! से चुए बंभलोगाओ से नूणं मए सोऊण तस्स वयणं सोऊण तस्स सो धम्म सोऊण रायकन्ना सो कुंडलाण जुयलं सोच्चा णं फरुसा भासा सो तत्थ एवं पडिसिद्धो सो तवो दुविहो वुत्तो सो तस्स सव्वस्स दुहस्स 31 हो न संजले भिक्ख 42 हत्यागया इमे कामा 6 14 हत्थिणपुरंमि 36 111 याणीए गयाणीए 36 78 हरियालभेयसंकासा 34 हरियाले हिंगुलए 26 हासं किड्ड रई दप्पं 40 हियं विगय भया बुद्धा 18 हिरण्णं सुवण्णं मणिमुत्त 18 हिरिलीसिरिली 28 हिंगुलधाउसंकासा 20 हिसे बाले मुसाबाई 25 हिंसे बाले मुसाबाई 256 हुआसणे जलंतम्मि 7 हेट्रिमाहेदिमा चेव 32 110 होमि नाही भयंताणं 36 213 2021 00 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844