Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ परिशिष्ट 2: गापानुक्रमणिका) 32 . 17 मोक्खाभिक खिस्स 264 मोणं चरिस्सामि 12 मोसस्स पच्छा य पुरत्थरो य mr orm mmm WWWS 12 14 मोहणिज्ज पि दुविहं 16 र मंतं मूलं मंताजोगं काउं मंदा य फासा माई मुद्ध ण पडइ मा गलियस्सेव कसं माणुसते असारंमि माणुसत्तं भवे मूलं माणुसत्तम्मि प्रायानो माणुस्सं विग्गह लद्ध मा य चंडालियं कासी माया पिया माया वि मे भाया वुइयमेयं तु मासे मासे उ जे बाले माणकुल-संभूरो मा हु तुम मिउमदवसंपन्नो मिए छुहित्ता मिगचारियं 11 रत्ति पि चउरो भागे 8 रन्नो तहिं कोसलियस्स धूया रमए पंडिए 3 रसो 25 // 0 4 Mr mr NwuPorwNw my mrevr Mmm m mmm 909 0 0 MY mm T ~ ". मिच्छादसणरत्ता .. . .. . मित्तवं नाइवं होइ मिहिलाए चेइए वच्छे मिहिलं सपुरजणवयं मुग्गरेहिं मुसंढीहिं मुसं परिहरे मुहपोत्ति पडिले हित्ता m v dow 33 रसस्स जिब्भं गहणं 17 रसंतो कंदुकुंभीसु 2 रसाणुगासाणुगए 84 रसाणुरत्तस्स नरस्स एवं 19 85 रसाणवाएण 256 रसापगाम 257 रसे अतित्ते य परिग्गहंमि रसे विरत्तो रसेसु जो 4 रहनेमी अहं भद्दे ! 61 राइयं च अईयारं 24 राईमई विचितेइ 23 राप्रोवरयं 34 रागद्दोसादयो तिव्वा 34 35 रागं च दोसं 34 36 रागे दोसे 34 37 रागो दोसो रागो य दोसो 34 36 राया सह देवीए 4 11 रुवस्स चक्खं गहणं 281 रूवाणुगासाणुगए . 48 . m my my Y Y NNNNNYSmrous Y movm my or .m rur 9 mr 950 mrom .mr m5 m मुहुत्तद्ध m m मुहं मुहं मोहगुणे मोक्ख मग्गगई तच्चं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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