Book Title: Agam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shayyambhavsuri, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Pushpavati Mahasati
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 504
________________ 422] [वशवकालिकसूत्र 132 334 17 45 44 242 असंसद्रुण हत्थेण प्रसंसत्तं पलोएज्जा 105 असच्चमोसं सच्चं च असणं पाणगं वा वि. 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 172,174, 176 इन इच्छेज्जा अहं च भोगरायस्स 13 अहावरे चउत्थे भंते ! महव्वएx प्रहावरे छ8 भंते ! वएx अहावरे तच्चे भंते ! महव्वए x अहावरे दोच्चे भते ! महम्वएx 47 अहावरे पंचमे भंते ! महव्वएx अहो! जिणेहिं असावज्जा 205 अहो ! निच्चं तवोकम्म 285 अंग-पंच्चंगसंठाणं 445 अंजणगतेण हत्थेण 123 'अंतलिक्खे' त्ति णं बूया 384 प्राइसण-पोमाण-विवज्जणा य 565 आउकायं न हिंसंति पाउकायं विहिंसंतो 293 आउक्कातिए जीवे ण सद्दहति+ आउक्कातिए जीवे सद्दहती+ गा-८ आऊ चित्तमंतमक्खाया+ आभोएत्ताण निस्सेसं 202 पायरिए आराहेइ 258 आयरिए नाऽऽराहेइ 253 पायरियऽग्गिमिवाऽऽहियग्गी 462 प्रायरियपाया पुण अप्पसन्ना प्रायारप्पणिहिं लद्ध 386 आयार-पण्णत्तिधरं 437 आयारमट्ठा विणयं पउंजे आयावयंति गिम्हेसु x इस चिह्न से अंकित सूत्र गद्य-पाठात्मक है। + ये गाथाएँ अधिकपाठात्मक हैं। -सं. पायावयाही चय सोगमल्लं पालवंते लवंते वा+ 487 आलोयं थिग्गलं दारं पासणं सयणं जाणं आसंदी-पलियंकेसु 316 प्रासीविसो यावि परं सुरुट्ठो 456 प्राहरंती सिया तत्थ 110 प्रोगाहइत्ता चलइत्ता इच्चेयाइं पंच महब्वयाइं राईभोयण.+ इच्चेसि छण्हं जीवनिकायाणं+ इच्चेयं छज्जीवणियं... इच्चेव संपस्सिय बुद्धिमं नरो 556 इत्थियं पुरिसं वावि इमस्स ता ने रइयस्स जंतुणो इमा खलु सा छज्जीवणियाx इमे खल ते थेरेहिं भगवतेहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा.x 506 इह खलु भो ! पव्व इएणं उप्पन्नदुक्खेणंx 542 इहलोग-पारत्तहियं 431 इहेवऽधम्मो अयसो अकित्ती इंगालं अगणि अच्चि इंगालं छारियं रासि 86 उक्कुट्ठगतेण हत्थेण उग्गमं से पुच्छेज्जा उच्चारं पासवणं खेलं उज्जुप्पण्णो अणुव्विग्गो 203 उदोल्लं अप्पणो कायं 395 उदमोल्लं बीयसंसत्तं 287 उदनोल्लेण हत्थेण उद्देसियं 1 कीयगडं 2 नियागं 3 उद्देसियं कीयगडं पूईक्रम्म 152 उप्पन्नं नाइहीलेज्जा 212 उप्पलं पउमं वाबि संलुचिया (च. च.) 227 x इस चिह्न से अंकित सूत्र गद्य-पाठात्मक है। 262 554 गा-२ 115 18 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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