Book Title: Agam 28 Prakirnak 05 Tandul Vaicharik Sutra
Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 80
________________ तंदुलवैचारिकप्रकीर्णक (८९) अथवा दो वर्ष के हाथी के बच्चे के पूंछ के दो बाल जो टूटे हुए नहीं हो, उस आकार का घड़ी का छिद्र होना चाहिए। (९०) अथवा चार मासे सोने की एक गोल और कठोर सुई, जिसका परि माण चार अंगुल का हो, उसके समान घड़ी का छिद्र करना चाहिए। (९१) (उस) घड़ी में पानी का परिमाण दो आढ़क होना चाहिए। पुनःवह पानी जैसा बताया गया है, उसे कहता हूँ। (९२) पानी को कपड़े के द्वारा छान कर प्रयोग करना चाहिए। (वह पानी) मेघ का स्वच्छ जल हो या शरदकालीन पर्वतीय नदी का (हो), ऐसा जानना चाहिए। (वर्ष के मास, पक्ष और रात-दिन का परिमाण) (९३) बारह माह का एक वर्ष होता है), एक वर्ष में चौबीस पक्ष और तीन सौ साठ रात दिन होते हैं। (दिन, रात, मास, वर्ष और सौ वर्ष के उच्छ्वास परिमाण) (९४) एक रात दिन में एक लाख तेरह हजार एक सौ नब्बे उच्छ्वास होते हैं। (९५) एक माह में तैतीस लाख पंचानवे हजार और पूरे (अन्यून) सात सौ उच्छ्वास होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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