Book Title: Agam 28 Prakirnak 05 Tandul Vaicharik Sutra
Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 102
________________ तंदुलवंचारिकप्रकोणक (१५७) यहाँ उन स्त्रियों की अनेक नाम नियुक्तियाँ को जाती हैं। लाखों उपायों द्वारा और नाना प्रकार से पुरुषों की कामास क्ति को बढ़ाने वाली तथा उसे वध और बंधन का भाजन बनानेवाली नारी के समान पुरुष का कोई अन्य अरि ( शत्रु ) नहीं है इसलिए उसकी नारी आदि नियुक्तियाँ इस प्रकार हैं :-उसके समान पुरूष का दूसरा कोई अरि (शत्रु) नहीं है इसलिए वह 'नारी' कही जाती है। नाना प्रकार के कर्मों और शिल्प से पुरूषों को मोहित करती है इसलिए 'महिला' है। पुरुष को मत्त करती है इसलिए वह प्रमदा' है। महान् कलह को उत्पन्न कराती है इसलिए 'महिलिका' और हाव-भाव द्वारा पुरुष को रमण कराती है इसलिए वह 'रामा' कही जाती है। पुरुष को अपने अंगों में राग उत्पन्न कराती है इसलिए वह अङ्गना है। अनेक प्रकार के युद्ध, कलह, संग्राम, अटवी में भ्रमण, बिना प्रयोजन ऋण लेना, सर्दी गर्मी के दुःख और क्लेश उठाना आदि कार्यों में वह पुरुष को प्रवृत्त करती. है इसलिए वह 'ललना' कही जाती है। योग-नियोग द्वारा पुरुष को. वश में करने के कारण 'योषित' तथा नाना प्रकार के भावों, द्वारा पुरुष की वासना को उद्दीप्त करती है इसलिए उसे 'वनिता' कहा जाता है। (१५८) कोई स्त्री प्रमत्त भाव को, कोई प्रणय-विभ्रम को और कोई श्वास रोगी की तरह शब्द व्यवहार करती है। कोई शत्रु की तरह होती है और कोई रो-रो कर पैरों में प्रणाम करती है। कोई स्तुति को करती है, कोई कुतुहल, हास्य, और कटाक्षपूर्वक देखती है । कुछ स्त्रियाँ विलासयुक्त मधुर वचनों से, कुछ मुस्कानयुक्त चेष्टाओं के द्वारा, कुछ आलिंगन द्वारा, कुछ सीत्कार के शब्द द्वारा, कुछ गुह्यांगों के प्रदर्शन के द्वारा, कुछ भूमि पर लिखकर अथवा चिह्न बनाकर, कुछ बास पर चढ़कर नृत्य के द्वारा, कुछ बालक के आलिङ्गन के द्वारा और कुछ अंगुलियों के स्फोटन, स्तनमर्दन और कटितट पीड़न आदि के द्वारा पुरुषों को आकृष्ट करती हैं। (१५९) और ये स्त्रियाँ बाधा डालने में पाश की तरह, फँसाने के लिए कीचड़ की तरह, मारने के लिए मृत्यु की तरह, जलाने के लिए अग्नि की तरह, छिन्न-भिन्न करने में तलवार की तरह होती हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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