Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

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Page 20
________________ उपासकदसांग सूत्र बीअं अज्झयणं कामदेवे । जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अंगस्स उवासगदसाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अटे पण्णत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था। पुण्णभद्दे चेइए । जियसत्तू राया । कामदेवे गाहावई । भद्दा भारिया । छ हिरण्ण-कोडीओ णिहाणपउत्ताओ, छ वढि-पउत्ताओ, छ पवित्थर-पउत्ताओ, छ वया दस-गो-साहस्सिएण वएणं। समोसरणं| जहा आणंदो तहा णिग्गओ, तहेव सावगधम्म पडिवज्जइ । सा चेव वत्तव्वया जाव जेट्ठ-पुत्तं, मित्त-णाई आपुच्छित्ता, जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पोसहसालं पमज्जइ, पमज्जित्ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ, पडिलेहित्ता, दब्भसंथारयं संथरइ, संथरेत्ता दब्भसंथारयं दुरुहइ, दुरुहित्ता पोसहसालाए पोसहिए दब्भसंथारोवगए समणस्स भगवओ महावीरस्स [अंतियं] धम्मपण्णत्तिं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । तए णं तस्स कामदेवस्स समणोवासगस्स अंतिए पुव्वरत्तावरत्त-काल-समयंसि एगे देवे मायीमिच्छदिट्ठी पाउब्भूए । तए णं से देवे एगं महं पिसायरूवं विउव्वइ। तस्स णं देवस्स पिसायरूवस्स इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते- सीसं से गो-किलिंज-संठाण-संठियं, सालिभसेल्ल-सरिसा से केसा, कविल-तेएणं दिप्पमाणा, महल्ल-उट्टिया-कभल्ल-संठाणं-संठियं णिडालं, मुगुस- पुच्छं व तस्स भुमगाओ फुग्ग-फुग्गाओ विगय-वीभच्छ-दंसणाओ, सीस-घडि- विणिग्गयाइं अच्छीणि विगय-बीभच्छ-दंसणाई, कण्णा जह सुप्प-कत्तरं चेव विगय- बीभच्छ-दंसणिज्जा, उरब्भपुड-संण्णिभा से णासा, झुसिरा-जमल-चुल्ली-संठाण- संठिया दो वि तस्स णासा- पुडया घोडय-पुच्छंव तस्स मंसूइं, कविल-कविलाई विगय- बीभच्छ-दंसणाइं, उट्ठा उदृस्स चेव लंबा, फाल-सरिसा से दंता, जिब्भा जह सुप्प-कत्तरं चेव विगय- बीभच्छ- दंसणिज्जा, हल-कुद्दाल-संठिया से हणुया, गल्ल- कडिल्लं व तस्स खड्डं फुटुं कविलं फरुसं महल्लं, मुइंगाकारोवमे से खंधे, पुरवरकवाडोवमे से वच्छे, कोहिया- संठाण- संठिया दो वि तस्स बाहा, णिसापासाण- संठाण-संठिया दो वि तस्स अग्गहत्था, णिसालोढ-संठाण- संठियाओ हत्थेसु अंगुलीओ, सिप्पि-पुडगसंठिया से णक्खा, पहाविय-पसेवओ व्व उरंसि लंबइ दो वि तस्स थणया, पोट्टे अयकोट्ठओ व्व वर्ल्ड, पाण कलंद सरिसा से णाही, सिक्कगसंठाणसंठिए [C]

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