Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Virmatibai Mahasati, Artibai Mahasati, Subodhikabai Mahasati
Publisher: Guru Pran Prakashan Mumbai

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Page 429
________________ स्थान-१० | उ७१ । एगवीसं सबला, तेत्तीसं आसायणाओ, अट्ठविहा गणिसंपया, दस चित्तसमाहिट्ठाणा, एगारस उवासगपडिमाओ, बारस भिक्खुपडिमाओ, पज्जोसवणाकप्पो, तीसं मोहणिज्जट्ठाणा, आजाइट्ठाणं । भावार्थ:- आया२६शा (शात सूत्र)ना ६श अध्ययन छ, ते प्रभारी छ- (१) वीस असमाधिस्थान (२) वीशसमा होष (3) तेत्रीसाशातन। (४) अष्टविध गहिरा संपहा (4) श थित्तसमाधिस्थान (G) अगियार पास प्रतिमा (७) पार भिक्षु प्रतिमा (८) पर्युषus८५ (C) त्रीश भोडनीय स्थान (१०) ति स्थान.(नव नियu) १०८ पण्हावागरणदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा- उवमा, संखा, इसि- भासियाई, आयरियभासियाई, महावीरभासियाई, खोमगपसिणाई, कोमलपसिणाई, अद्दागपसिणाई, अंगुट्ठपसिणाई, बाहुपसिणाई । भावार्थ:- प्रश्रव्या:२९ शान (शमा संगसत्रना) ६श अध्ययन छ,ते ॥ प्रभा छ- (१) 64भा (२) संध्या (3) ऋषिमाषित (४) मायार्य माषित (५) महावीर भाषित (G) क्षोभ प्रश्र (७) ओभस प्रश्न (८) मार्श प्रश्न (e) अंगुष्ठ प्रश्न (१०) पाईप्रश्न. १०९ बंधदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा- बंधे य मोक्खे य देवड्डि दसारमंडले वि य । आयरिय-विप्पडिवत्ती, उवज्झाय-विप्पडिवत्ती, भावणा, विमुत्ती, सातो, कम्मे । भावार्थ:-ध ना श अध्ययन छ,ते प्रभाग- (१) बंध (२) भोक्ष (3) विधि (४) ६शा२ भंडस (५) मायार्य-विप्रतिपत्ति (6) 6पाध्याय-विप्रतिपत्ति (७) भावन। (८) विभुति (८) सात (१०) . ११० दोगिद्धिदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा- वाए, विवाए, उववाए, सुखित्ते(सुखेए), कसिणे, बायालीसं सुमिणा, तीसं महासुमिणा, बावत्तरि सव्वसुमिणा हारे रामगुत्ते य, एमए दस आहिया । भावार्थ :- द्विद्धि ६॥ ६श अध्ययनछे, ते ॥ प्रभा।- (१) वाह (२) विवाह (3) 64पात (४) सुक्षेत्र (५) इत्स्न (G) ४२ स्वप्न (७) 30 मास्वप्न (८)७२ सर्व स्वप्न (C) डा२ (१०) रामगुप्त. આ દશ અધ્યયન જાણવા. १११ दीहदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा

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