Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 12
________________ 555555555555555555555555555555555555g ॐ जिनवाणी के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाली श्री भक्तजी की धर्मपत्नी धर्मशीला मातेश्वरी विद्यावती जी जैन की मुख्य प्रेरणा रही है। आप अपने सुपुत्रों को दान- दया धर्म हेतु सदैव फ़ प्रेरित करती रहती हैं। उन्हीं की छत्र छाया में यह परिवार दिन प्रतिदिन धर्म क्षेत्र में ॐ अभिवृद्धि कर रहा है। प्रस्तुत प्रकाशन में श्री धर्मवीर जी एवं श्री महेन्द्र कुमार जी का पूर्ण अर्थ सौजन्य प्राप्त म हुआ है। आप दोनों ही भाई उदारमना एवं धर्मनिष्ठ हैं। श्री धर्मवीर जी की धर्मपत्नी श्रीमती धनेशकांता जी एवं श्री महेन्द्र कुमार जी की धर्मपत्नी श्रीमती चाँदरानी जी भी धर्मशीला और नारी रत्न हैं। श्री धर्मवीर जी के सुपुत्र श्री अशोक जैन एवं पुत्रवधू श्रीमती सीमा जैन तथा श्री महेन्द्र कुमार जी के सुपत्र श्री म अनूप जैन एवं पुत्र वधू श्रीमती रमा जैन भी धार्मिक कार्यों एवं श्रुत सेवा में सदैव अग्रणी रहती हैं। एवं अपने माता-पिता के धर्म कार्यों में सदैव सहयोगी रहते हैं। ___श्री भक्त जी का परिवार सन् १९३८ से ही हौजरी व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। इनके उत्पादन मिनी किंग निट वियर (टॉप गेयर) नाम से भारत भर में विश्रुत और प्रचलित है। उक्त बंधुद्वय द्वारा प्राप्त उदार अर्थ सौजन्य से श्री स्थानांग सूत्र के प्रथम भाग का प्रकाशन किया जा रहा है। इस उदार श्रुत-सेवा के लिए हम श्री पद्म प्रकाशन की ओर से , है इस परिवार का हार्दिक अभिनन्दन करते हैं और शासनेश प्रभु से यही प्रार्थना है कि यह । के परिवार इसी प्रकार धर्म कार्यों में उन्नति करता हुआ जिनशासन की प्रभावना करता रहे। शुभ कामनाओं के साथ 四听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听Fhhh9 महेन्द्र कुमार जैन अध्यक्ष पद्म प्रकाशन, पद्मधाम, नरेला OM Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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