Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 4
________________ YYYYYYYYYYYYYR जैनाचार्य-जैनधर्मदिवाकर-पूज्यश्री-घासीलालजी-महाराज विरचितया समयार्थबोधिन्याख्यया व्याख्यया समलत हिन्दी-गुर्जर-भाषाऽनुवादसहितम् ॥श्री-सूत्रकृताङ्गसूत्रम्॥ (चतुर्थो भागः) नियोजकः VOYOYOYOYOYOYOYOYOYOYYYYYYYYYYY संस्कृत-प्राकृतज्ञ-जैनागमनिष्णात-प्रियव्याख्यानि ___ पण्डितमुनि-श्रीकन्हैयालालजी-महाराजः । प्रकाशक: मांगरोलनिवासी-स्व. श्रेष्ठिश्री माणेकचंद नेमचंदभाई तत्प्रदत्त-द्रव्यसाहाय्येन अ. भा. श्वे. स्था. जैनशास्त्रोद्धारसमितिप्रमुखः श्रेष्ठि-श्रीशान्तिलाल-मङ्गलदासभाई-महोदयः मु० राजकोट प्रथमा-आवृत्तिः प्रति १२०० पीर-संवत् २४९७ विक्रम संवत् २०२७ ईसवीसन् १९७१ मूल्यम्-रू. २५-०-०

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