Book Title: Adhyatma Prakaran
Author(s): Hukammuni, Hirachand Vajechand
Publisher: Hirachand Vajechand

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Page 8
________________ १२ श्रीवात्मचिंतामणी. शुद्धताअशुद्धस्वरुपनी लखाणकरावीनेशुद्धस्व रुपयहार तथानयनाबावननेदकह्याछे...६१७ १३ श्रीचिदानंदबत्रीसी. रागनापदमांछे ............. ..........६९७ १४ श्रीसिद्धनापंदरभेदनीढालो. तेमांसिद्धनापंदरनेद विगतसाथेबतावी स्त्रिमोक्षे जवाविगरेचरचाबतावीछे ९मा पानानी १०मी लीटीमां 'फल'ने ठेकाणे 'कुल' वांचq. ४२२मा पानानी १५मी लीटीमा एजीव ने बदले अजिव' वांचq.

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