Book Title: Adhik Mas Nirnay
Author(s): Shantivijay
Publisher: Shivdanji Premaji Gotiwale

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Page 28
________________ अधिकमास निर्णय. २५ , हां! बतलाता है कि जो आप ज्योति खरतरगछ और अंचलगछवाले उसवख्त पहले आषाडको चातुर्मासिक कृत्यकी अपेक्षा छोडदेते है. या गिनतीमें लेतेहै ? गिनतीमें लेनेकी बाततो जभी साबीत होगी अगर पहले आषाडमें चौमासा बेठावे, मगर बेठाते है, दुसरे आषाडमे और करतेहै दोनो आषाड मान्यहै. क्या खूब बात है ? ___३५-फिर सवालकर्ता. इसी सवालमें तहरीर करतेहै. चूला तो अंतभागमें शिखररूप होतीहै. इस हिसाबसे दुसरे महिनेको कालचूला कहां जावे, मगर आप पहले माहिनेको चूला किसशास्त्र प्रमाणसे कहते हो. इसकाभी खुलासा पाठ बतला सकते हो? ( जवाब.) हां! बतलाता सकताहुं. सुनिये! कालचूला पहले माहिनेको इसलिये मानी गइहै कि-जो अधिकमहिना है वो गतमासकेसाथ संबंध रखताहै. इस बातको आप ज्योतिषशास्त्रसे या अछेअछे ज्योतिषी पंडितसे तलाश किजिये ! जब दो भादवे माहिने आवे तब पहला भादवा-श्रावणमासकी कालचूला बने. इसी लिये अन्यमजहबवाले पहले भाद्रपदमें श्राद्ध नही करते. जव दो आषाड आवे तब पहला आषाड ज्येष्ट माहिनेकी कालचूला बने. इसी लिये उसमें चातुर्मासिकपर्व नही माना जाता. अन्यमतके पंचांगके आधारसे जिसमासमें संक्रांतिका उदय न हो उसको अधिकमास कहतेहै. और वो संक्रांतिका उदय गतमासमें होताहै. इस लिये पहले आधिकमासको कालचूला कही गइ, अगर दुसरे अधिकमासको कालचूला माने तो सवाल पैदा होगा कि जब दो श्रावण आयगे तब आपके ख्यालसे दुसरा श्रावण ___Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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