Book Title: Acharya Bhikshu Aakhyan Sahitya 01
Author(s): Tulsi Ganadhipati, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Sukhlal Muni, Kirtikumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 12
________________ ( x ) आचार्यश्री ने भिक्षु वाङ्मय के प्रकाशन के लिए जैन विश्व भारती को अवसर प्रदान किया यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। जैन विश्व भारती तेरापंथ की तो एक प्रतिनिधि संस्था है ही, जैन समाज में भी इसका अपना महत्त्वपूर्ण स्थान है। विश्व भारती के अनेकविध गतिविधियां हैं । आगम साहित्य का प्रकाशन भी जैन विश्व भारती द्वारा हो रहा है। विश्व भारती द्वारा प्रकाशित आगमों को विद्वानों ने एक महार्घ्य महत्त्व प्रदान किया है । अन्य साहित्य का भी काफी समादर हुआ है। अब आचार्य भिक्षु के आख्यान साहित्य का प्रथम खंड प्रकाशन में आ रहा है। यह बहुत प्रसन्नता की बात है । भिक्षु वाङ्मय के सम्पादन में परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी का अमूल्य समय तो लगा ही है पर उनके निर्देशन में मुनिश्री सुखलालजी एवं मुनिश्री कीर्तिकुमारजी ने भी श्रम किया है। उसके लिए हम उनके प्रति श्रद्धानत हैं । प्रस्तुत भिक्षु वाङ्मय की साहित्य श्रृंखला तेरापंथ के अनुयायियों के लिए तो उपयोगी सिद्ध होगी ही पर अन्य जिज्ञासुजनों के लिए भी तत्त्व दर्शन में सहायक बनेगी। यही मंगलभावना है। वाङ्मय प्रकाशन में आर्थिक सहयोगदाता व मुद्रक के प्रति भी हार्दिक आभार । २७ फरवरी २०११ सुरेन्द्र चोरड़िया अध्यक्ष जैन विश्व भारती

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