Book Title: Achar Dinkar Part-2 Author(s): Vardhmansuri, Publisher: Kesrisingh Oswal Khamgamwala Mumbai View full book textPage 7
________________ आचार दिनकरः ॥ १ ॥ Jain Education Inter विषयनाम रोधादिगणः अर्कादिगणः सुरसादिगणः मुष्कादिगणः वत्सकादिगणः प्रियंग्वादिगण: अम्बष्ठादिगणः मुस्तादिगण: न्यग्रोधादिगणः एलादिगणः श्यामादिगण: त्रायमाणादिगणः क्रयाणकशब्दार्थः 0.10 पत्रं विषयनाम १४७ | लक्षादित्वचः १४७ | सहदेव्यादिगणः १४७ मयूरशिखादिमूलानि १४७ कुष्ठादिवर्गः १४७ मेदादिसर्वौषध्यः १४७ सहदेव्यादिवर्गः १४७ विष्णुक्रान्तादिमूलानि १४७ शतमूलं सहस्रमूलं च १४७ पश्चामृतम् १४७ प्रतिष्ठाविधिः १४७ भूतबलिमन्त्रः १४७ स्तुतिकथनम् १४८ शान्ति देवताकायोत्सर्गः 1000 ... For Private & Personal Use Only पत्र विषयनाम १४८ अम्बिकाकायोत्सर्गः १४८ अच्छुप्तादेवीकायोत्सर्गः १४८ समस्त वैयावृत्य कायोत्सर्गः १४८ सकलीकरणविधिः १४९ शुचिविद्या १४९ बल्यभिमन्त्रणम् ⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀ १४९ कलशाभिमन्त्रणम् १४९ सर्वोषधिचन्दनाद्यभिमन्त्रणम्.. १४९ | पुष्पाभिमन्त्रणम् १५० पञ्चरत्नबन्धनम् १५० हिरण्योदकेन पनम् १५१ प्रक्षादिकषायनपनम् १५१ | गव्यदर्भोदकनानम् पत्रं १५१ १५१ १५१ १५१ १५१ १५१ १५१ १५२ १५२ १५२ १५२ १५२ १५२ अनुक्रम० ॥ १॥ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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