Book Title: Achar Dinkar Part-2
Author(s): Vardhmansuri, 
Publisher: Kesrisingh Oswal Khamgamwala Mumbai

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Page 14
________________ Jain Education Intere विषयनाम ५ चान्द्रायणतपः यवमध्यचान्द्रायणतपः वज्रमध्यचान्द्रायणतपः.... ६ वर्धमानतपः ७ परमभूषणतपः ८ दीक्षातपः ९ केवलज्ञानतपः १० निर्वाणतपः ११ पुरुषस्योनोदरिकातपः .... .... www. .... .... .... .... १२ संलेखनातपः १३ सर्वसंख्या श्रीमहावीरतपः १४ कनकावलीतपः १५ मुक्तावलीतपः .... .... .... पत्रं विषयनाम ३४० १६ रत्नावलीकाहलादा डिमौ ३४२१७ लघुसिंहनिःक्रीडिततपः ..... ३४२ १८ बृहत्सिंहनिःक्रीडिततपः .... ३४३ १९ भद्रतप आगाढं ३४३ २० महाभद्रतपः ३४४ २१ भद्रोत्तरतपः ३४४ २२ सर्वतोभद्रतपः ३४४ २३ गुणरत्नसंवत्सरतपः ३४६ २४ अङ्गतपः ३४६ २५ संवत्सरतपः .... www. .... .... www. .... .... ३४७ २६ नन्दीश्वरतपः ३४८ २७ पुण्डरीकतपः ३४९ २८ माणिक्यप्रस्तारिकातपः.... .... .... For Private & Personal Use Only पत्रं विषयनाम ३४९ २९ पद्मोत्तरतपः ३५० ३० - समवसरणतपोद्वयम् ३५१ ३१ ३५२३२ एकादशगणधरतपः ३५२/३३ अशोकवृक्षतपः ३५२ ३४ सप्ततिशततपः ३५३ ३५ नमस्कारतपः ३५४ ३६ चतुर्दशपूर्वतपः ३५४ ३७ एकावलीतपः ३५५ ३८ यतिधर्मतपः **** .... .... .... .... .... .... .... ३५५३९ पञ्चपरमेष्ठितपः ३५५४०। ३५६/४१ लघुपञ्चमी-बृहत्पश्चमी .... पत्रं ३५६ ३५६ ३५७ ३५७ ३५७ ३५८ ३५८ ३५८ ३५९ ३५९ ३५० www.jainelibrary.org

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