Book Title: Abhinav Hem Laghu Prakriya Part 04
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
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१६८
इदन्तु अहार
(१)
भू है.
(५) र भू.
63)
भू
(४) हेत्वथ' है.
(v) wit
(६) ५. (७)...
(८) भविष्य तरि
((6)
(10) (११) विद्यार्थी है.
(१२)
(13)
(१४)
(14)
١٤}
है
* ષ્ઠિ
(१७) ' -
(१८)
(१७) म
(-) 04-198
(२१)
(२)
(२३) शिवथ
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પ્રત્યય
क्त
क्तमत्
चत्वा
तुम्
कामु
कान
कान
स्यत्
स्वमान
स्यमान
तथ्य
अनीय
2105
धण्यकप
कू
तृच्
अचूड-क
शतृ
आनत
"
घरमा
किंत
DIVYAHEM
अनट
तन्
DIVYAHEM DIVYAHEM
હઠન્ત માલા
DIVYAHEM DIVYAHEM फुड
धातु
(१) अद्
जग्ध
जग्धवान्
जग्ध्वा
अनुपू
दक्षिवान्
आदिवान्
जक्षाण /
आदान
अत्स्थन्
अत्स्यमान
अक्तध
अनीय
आद्य
आदक
व्यत्ता
अद
कदन्
*द्यमानम्
घास:
दनम्
अता
अद्मः
(२) अचू
अर्चित
अर्चितवान्
अविवा
अचितुम्
आनन्
आनर्चान
व्यचिष्यन्
अर्चिष्यमाण
● चिय
अच्य
अक
कबिता
अच
चन्
अर्च्यमान
अचः
अर्चिति:
अनम्
अर्चिता
(3) शू
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अष्ट
अष्टवान्
अष्ट्वा /
अशिवा
अनुम /
अशितुम्
आनशानः
आनशान
અભિનવ વધુપ્રસિ
अरुपमाण
अशिष्यमाण
1
"
23
अव्य/ अशितव्य
अशनीय
आश्व
अशक
भा/ भलि
अश
अनुपान
अश्यमान:
शः
षष्टिः / मशितिः
अशनम्
अष्टा
अशिता
(४) अश् ग
मशित अशितवान्
अशिस्मा
अशितुम्
आशिवस्
आशान
अशिष्यन्
अशिष्यमाण
अशिव्य
अशनीय
आश्य
आशक
अशिता
अश
अम्जन
अश्यमानः
भाश:
अशितिः
भू-भूत સબ – સબંધક
प - पक्षा व - वर्तमाना
ल - लविष्य
નોંધ :- માજ ૨૩ ક્રમાંક મુજબ કૃતા નોંધેલ છે તેથી પ્રત્યેવાની નોંધ હવે પછીના
પૃષ્ઠોમાં કરેલ નથી.
अशनम्
अशिता
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