Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 4
________________ प्रकाशक की कलम से __प्राकृतविशारद, शासनप्रभावक स्व. पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय कस्तुरसूरीश्वरजी महाराज द्वारा विरचित प्राकृत विज्ञान पाठमाला जो गुजराती भाषी वर्ग के लिए प्राकृत भाषा सीखने के लिए अति उपयोगी प्रकाशन है । हिन्दी भाषी विशाल वर्ग भी प्राकृत भाषा का अध्ययन कर पूर्वाचार्य महर्षियों के सदुपदेश से लाभान्वित हो सके, इसी पवित्र भावना से मरुधररत्न, हिन्दी साहित्यकार पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वरजी म. सा. ने इस गुजराती प्रकाशन के हिन्दी अनुवाद का संपादन किया है। ___ वर्तमान में गुजराती भाषाविद् साधु-साध्वीजी भगवंत इसी प्राकृत विज्ञान पाठमाला के आधार पर प्राकृत भाषा का अध्ययन करते है। पर हिन्दी भाषी वर्ग के लिए इस प्रकार के प्रकाशन की बहुत ही बडी कमी थी । अपने संयम जीवन के प्रारंभिक काल में पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वरजी म. सा. ने भी इसी प्राकृत विज्ञान पाठमाला के आधार पर प्राकृत भाषा का अभ्यास किया था । गुजराती भाषा से अनभिज्ञ विद्यार्थियों के लिए इस साहित्य की कमी पूज्यश्री को अखरती थी। इस कमी की पूर्ति के लिए उनका पूरा पूरा लक्ष्य था ।

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