Book Title: Aagam Manjusha 45 Chulikasuttam Mool 02 Anuogdaaram
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 8
________________ पुचीदवाई पा०)।८६। णेगमववहाराणं आणुपुब्बीदव्बाई सेसदव्वाणं कहभागे होजा कि संखिजइभागे होजा असंखिजइमागे होजा संखेजेसु भागेसु होज्जा असंखेजेसु भागेसु होजा?, नो संखिज.10 इभागे होजा नो असंखिजइभागे होजा नो संखेजेसु भागेसु होजा, नियमा असंखेजेसु भागेसु होजा, गमववहाराणं अणाणुपुथ्वीदच्चाई सेसदव्वाणं कइमागे होजा कि संखिजइभागे होजा असंखिजइभागे होजा संखेजेसु भागेसु होज्जा असंखेजेसु भागेसु होजा?, नो संखेजइभागे होज्जा असंखेजइभागे होजा नो संखेजेसु भागेसु होजा नो असंखेजेसु भागेसु होज्जा, एवं अवत्तव्यगदब्बाणिवि भाणियव्याणि । ८७॥णेगमववहाराणं आणुपुष्यीदव्बाई कतरंमि मावे होजा? किं उदइए भावे होज्जा उपसमिए भावे होजा खाइए भावे होजा खाओवसमिए भावे होज्जा पारिणामिए भावे होजा संनिवाइए भावे होजा?.णियमा साइपारिणामिए भावे होज्जा, अणाणुपुब्बीदव्याणि अवत्तव्बगदब्वाणि य एवं चेव भाणियव्याणि । ८८ा एएसि णं भंते ! णेगमबबहाराणं आणुपुब्बीदव्याणं अणाणुपुब्बीदव्वाणं अवत्तव्वगव्वाण य दबट्ठयाए पएसट्टयाए दव्यदुपएसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया था तुला या बिसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वस्थोबाई गमववहाराणं अवत्तव्बगदम्बाई दबट्ठयाए अणाणुपुयीदवाई दबट्ठयाए बिसेसाहियाई आणुपुब्बीदव्वाई दबट्ठयाए असंखेजगुणाई, पएसट्ठयाए णेगमववहाराणं सव्वत्थोचाई अणाणुपुयीदय्बाई अपएसट्टयाए अवनव्यगदव्याई पएसद्वयाए बिसेसाहियाई आणुपुथ्वीदव्याई पएसट्ठयाए अर्णतगुणाई, दब्वट्ठपएसट्टयाए सव्यथोवाई गमववहाराणं अवत्तबगदव्वाई दब्बट्टयाए अणाणुपुष्यीदवाई दब्वट्ठयाए अपएसट्टयाए विसेसाहियाई अवत्तव्बगदवाई पएसट्टयाए विसेसाहियाई आणुपुथ्वीदयाई दबट्ठयाए असंखेनगुणाई ताई चेव पएसट्टयाए अणंतगुणाई, से तं अणुगमे, से तं नेगमयवहाराणं अणोवणिहिया दब्वाणुपुब्बी।८९। से किं तं संगहस्स अणोवणिहिया दव्याणुपुयी?,२ पंचविहा पं० तं०-अटुपयपरूबणया भंगसमुक्त्तिणया भंगोवदंसणया समोयारे अणुगमे ।९०। से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ?,२ तिपएसिए आणुपुब्बी चउप्पएसिए जाव दसपएसिए संखिजपएसिए असंखिजपएसिए• अणंतपएसिए आणुपुष्यी परमाणुपोग्गले अणाणुपुब्बी दुपएसिए अवत्तब्वए, से तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया।९१। एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवण. याए किं पओयणं, एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया कजइ, से किं तं संगहस्स भंगसमुकित्तणया?, अस्थि आणुपुवी अस्थि अणाणुपुब्बी अस्थि अवनव्वए अहवा अस्थि आणुपुथ्वी य अणाणु० य अहया अस्थि आणु० य अवत्तबए य अहवा अस्थि अणाणु० य अवत्तबए य अहवा अस्थि आणुपुष्वी य अणाणुपुष्वी य अवत्तब्बए य एवं सत्त भंगा, से तं संगहस्स भंगसमुक्रित्तणया, एयाए णं संगहस्स भंगसमुकित्तणयाए कि पओयणं, एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणयाए संगहस्स भंगोवदंसणया कीरइ । ९२। से किं तं संगहस्स भंगोवदसणया?.२ निपएसिया आणुपुब्बी परमाणुपोग्गला अणाणुपुष्यी दुपएसिया अवत्तब्बए, अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य आणुपुब्बी य अणाणुपुब्वी य अहवा तिपएसिया य दुपएसिया य आणुपुत्री य अवत्तवए य अहवा परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य अणाणुपुत्री य अवत्तबए य अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुत्री य अणाणुपुत्री य अवत्तथए य, से तं संगहस्स भंगोबर्दसणया।९३ । से किं तं संगहस्स समोयारे?, संगहस्स आणुपुचीदवाई कहिं समोयरंवि किं आणुपुधीदवेहिं समोयरंति अणाणुपुचीदधेहि समोयरंति अवत्तब्बगदब्बेहि समोयरंति?, संगहस्स आणुपुचीदव्वाई आणुपुब्बीदवेहि समोयरंति नो अणाणपुचीदधेहि समोयरति नो अवत्तब्वगदम्वेहिं समोयरंति, एवं दोनिवि सट्ठाणे सहाणे समोयरंति, से वं समोयारे।९४ से किं तं अणुगमे १,२ अट्ठविहे पं० त०-संतपयपरूवणया दवप. माणं च खित्त फसणा य । कालो अंतरं भाग भावे अप्पाबहुं नस्थि ॥९॥ संगहस्स आणुपुत्रीदवाई किं अस्थि णस्थि?, नियमा अस्थि, एवं दोनिवि, संगहस्स आणुपुषीदवाई किं संखिज्जाई असंखेजाई अणंताई, नो संखेजाई नो असंखेजाई नो अणंताई, नियमा एगो रासी, एवं दोनिवि, संगहस्स आणुपुचीदवाई लोगस्स कइभागे होजा किं संखेजइभागे होना असंखेजइभागे होज्जा संखेजेसु भागेसु होज्जा असंखेजेसु भागेसु होजा सब्बलोए होजा?, नो संखेजइभागे नो असंखेजइभागे नो संखेजेसु भागेसु नो असंखेज्जेसु भागेसु, नियमा सबलोए होजा, एवं दोनिवि, संगहस्स आणुपुच्चीदवाई लोगस्स कि संखेजइभार्ग फुसंति असंखेजहभागं फुसंति संखिजे. असंखिजे. सबलोगं फुसति ?, नो संखेजइभार्ग फुसति जाव नियमा सबलोग फुसंति, एवं दोनिवि, संगहस्स आणुपुचीदवाई कालओ केवचिरं होंनि?, सबदा, एवं दोण्णिवि, संगहस्स आणुपुत्रीदवाणं कालतो केवचिरं अंतर होति !, नस्थि अंतरं, एवं दोषिणवि, संगहस्स आणुपुषीदवाई सेसदवाणं कहभागे होजा किं संखेजइभागे असंखेजइभागे संखेजेसु भागेसु असंखेजेसु भागेसु होजा?, नो संखेजइभागे नो असंखेजइभागे नो संखेजेसु भागेसु नो असंखेजेसु भागेसु, नियमा तिभागे, एवं दोनिवि, संगहस्स आणुपुचीदवाई कयरंमि भावे होज्जा ?, नियमा साइपारिणामिए भावे होजा, एवं दोनिवि, अप्पाबहुं नस्थि। से तं अणुगमे, से तं संगहस्स अणोवणिहिया दवाणुपुधी, से तं अणोवणिहिया दवाणुपुधी।९५। से किं तं उवणिहिया दवाणुपुची?२ तिविहा पं० त०-पुवाणुपुत्री पच्छाणुपुष्वी अणाणुपुब्बी य।९६। से किं तं पुवाणुपुत्री',२ धम्मस्थिकाए अधम्म आगास जीव० पोग्गलस्थिकाए अदासमए, से तं पुवाणुपुत्री, से किं तं पच्छाणुपुत्री ?, २ अदासमए पोग्गलस्थिकाए जीव० आगास० अहम्म० धम्मस्थिकाए, से तं पच्छाणुपुषी, से किं तं अणाणपुची, २एयाए व एगाइआए एगुत्तरिआए उगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णम्भासो दुरूवृणो, 1 १३१३ अनुयोगद्वारसूत्र - मुनि दीपरतसागर

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