Book Title: Aagam Manjusha 45 Chulikasuttam Mool 02 Anuogdaaram
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 14
________________ AAAAA1-24 4921 खीणउच्चागोए खीणणीआगोए अगोए निग्गोए खीणगोए उच्चणीयगोत्तकम्मविप्पमुक्के खीणदाणंतराए खीणलाभ० खीणभोग खीणउवभोग० खीणविरिय० अर्णतराए णिरंतराए खीणंतराए अंतर पकम्म विष्पमुके सिद्ध बुद्धे मुत्ते परिणिब्बुए अंतगडे सबदुक्खप्पहीणे, से तं खयनिष्फपणे, से तं खइए। से किं तं खओक्समिए?,२ दुबिहे पं०-खओवसमिए य खओवसमनिष्फण्णे य, से किं तं खअ वसमे?, २चउण्डं घाइकम्माणं खओवसमेणं, तं०- णाणावरणिज्जस्स दंसणावरणिजस्स मोहणिज्जस्स अंतरायस्स खओवसमेणं, से तं खओक्समे, से किं तं खओवसमनिष्फण्णे ,२ अणेगविहे पं० त०-खओवसमिया आभिणिबोहियणाणलदी जाव खओ० मणपजव० खोबसमिया माइम० खओ० सुयअ० खओ. विभंगना. खओक्समिया चक्खुर्दसणलदी अचक्खुर्द ओहि एवं सम्म० मिच्छा० सम्ममिच्छा खओवसमिया सामाइयचरित्तलद्धी एवं छेदोवट्ठावणलद्धी परिहारविसुद्धियलदी सुहुमसंपरायचरित्तलदी एवं चरित्ताचरित्तलद्धी खओवसमिया दाणलबी एवं लाभ० भोग० उवभोग खओवस. मिया वीरियलदी एवं पंडियबीरियलदी चालवीरियलदी बालपंडियवीरियलद्दी खओवसमिया सोईदियलदी जाव खओवसमिया फासिंदियलदी खओवसमिए आयारंगधरे एवं सुयगडंगधरे ठाणंगधरे समवायंगधरे विवाहपण्णत्तिधरे नायाधम्मकहा० उवासगदसा० अंतगडदसा० अणुत्तरोक्वाइयवसा० पण्हावागरणधरे विवागसुयधरे खओक्समिए दिडिवायघरे खओवसमिए णवपुची खओवसमिए जाव चउडसपुधी खओवसमिए गणी खओवसमिए वायए, से तं खओवसमनिष्फण्णे, से तं खओवसमिए, से किं तं पारिणामिए?,२दुबिहे पं० तं साइपारिणामिए य अणाइपारिणामिए य, से किं तं साइपा. रिणामिए ?.२ अणेगविहे पं० त०-'जुण्णसुरा जुण्णगुलो जुण्णधयं जुण्णतंदुला चेव । अब्भा य अब्भरुक्खा संझा गंधव्वणगरा य ॥२४॥ उक्कावाया दिसादाहा गजिय विज्जू णिग्घाया जूवया जक्खादिना धूमिआ महिआ रयुग्घाया चंदोवरागा सरोवरागा चंदपरिवेसा सूरपरिवेसा पडिचंदा पडिसूरा इंदधणू उदगमच्छा कविहसिया अमोहा वासा वासधरा गामा णगरा घरा पब्बता पायाला भवणा निरया रयण. सकर बालुअ० पंक० धूम तम तमतमप्पहा सोहम्मे जाव अबुए गेवेजे अणुत्तरे इंसिप्पभारा परमाणुपोमाले दुपएसिए जाव अर्णतपएसिए, से तं साइपारिणामिए, से किं तं अणाइपारिणामिए?.२ धम्म अधम्म आगास जीव० पुग्गलस्थिकाए अद्धासमए लोए अलोए जाव जीवा अजीवा भवसिदिआ अभवसिदिआ, से तं अणाइपारिणामिए, से तं पारिणामिए, से किं तं सणिवाइए, एएसिं चेव उदइअउवसमिअखइअखओवसमिअपारिणामिआणं भावाणं दुग तिय० चउक. पंचगसंजोएणं जे निष्फजन्ति सव्वे ते सजिवाइए नामे, तत्थ णं दस दुअसंजोगा दस तिअसंजोगा पंच चउक्कसंजोगा एगे पंचकसंजोगे, एत्थ ण जे ते दस दुगसंजोगा ते णं इमे-अस्थि णामे उदइएउवसमनिष्फण्णे अस्थि णामे उदइएखाइग० अस्थि णामे उदइएखओवसम० अस्थि णामे उदइएपारिणामिअ० अस्थि णामे उबसमिएखय० अस्थि णामे उपसमिएखओवसम० अस्थि णामे उक्समिएपारिणामिअ० अस्थि णामे खइएखओवसम अस्थि णामे खइएपारिणामिअ० अस्थि णामे खओवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे १०, कयरे से नामे उदइएउवसमनिष्फण्णे ?, उदइएत्ति माणुस्से उवसंता कसाया, एसणं से णामे उदइएउवसमनिष्फण्णे, कयरे से णामे उदइएखयनिष्फण्णे ?, उदइएति माणुस्से खइ सम्मत्तं, एस णं से नामे | उदइएखयनिष्फण्णे, कयरे से णामे उदइएखओवसमनिष्फण्णे ?. उदइएत्ति माणुस्से खओवसमिआई इंदिआई.एसणं से णामे उदइएखओ उदइएनि माणुस्से पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे उक्समिएखयनिष्फण्णे ?, उपसंता कसाया खइ सम्मत्तं, एस णं से णामे उपसमिएखयनिष्फण्णे, कयरे से णामे उवसमिएखओचसमनिष्फण्णे ?, उवसंता कसाया खओक्समियाई इंदियाई, एस णं से णामे उपसमिएखओवसमनिष्फण्णे, कयरे से णामे उपसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे ?. उपसंता कसाया पारिणामिए जीवे. एस णं से णामे उपसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे खइएखओवसमनिष्फण्णे ?, खइयं सम्मसंखओवसमियाई इंदियाई, एस णं से णामे खइएखओवसमनिष्फण्णे, कयरे से णामे खइएपारिणामिअनिएफपणे ?. खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे खओवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे, खओवसमियाई इंदियाइं पारिणामिए जीवे. एस णं से णामे खओवसमिएपारिणामिअनिष्फपणे १०, तस्थ ण जे ते दस तिगसंजोगा ते णं इमे-अस्थि णामे उदइएउवसमिएखयनिफण्णे अस्थि णामे उदइएउपसमिएखओवसम अस्थि णामे उदइएउवसमिएपारिणामि अस्थि णामे उदइएखइएखओवसमा अस्थि णामे उदइएखइएपारिणामि० अस्थि णामे उदइएसओवसमिएपारिणामिअ० अत्थि णामे उपसमिएखइएखओवसमः अन्थि णाम उपसमिएखइएपारिणामिज अस्थि णाम उपसमिएखओवसमिएपारिणामि० अस्थि णामे सडएखओवसमिएपारिणामिअनिष्फणे १०.कयरे से णामे उदए उपसमिएखयनिष्फण?. उद इएत्ति माणुस्से उपसना कसाया खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उदइएउपसमिएखपनिफण्णे, कयरे से णामे उदइएउपसमिएखओवसमनिष्फण्णे ?, उदइएति माणुस्से उपसंता कसाया खओवसमिआई इंदियाई.एस ण से णामे उदइएउवसम०, कयरे से णामे उदइएउवसमिएपारिणामिय०?, उदइएत्ति माणस्से उवसंता कसाया पारिणामिए जीवे, एसणं से णामे उदइएउपसमिएपारिणामिया, कयरे से गामे उदइएखइएखओवसम०?, उदइएत्ति माणुस्से खइयं सम्मत्तं खओवसमिआई इंदियाई, एस णं से णामे उदइएखइएखओवसम०, कयरे से णामे उदइएखइएपारिणामियनिष्फण्णे ?, उदइएनि माणुस्से १३१९ अनुयोगद्वारसूत्र - मुनि दीपरत्नसागर RO

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