Book Title: Aagam 42 DASHVAIKAALIK Moolam evam Vrutti Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 3
________________ ___ मलाडका:२१+५१५ दशवैकालिक मल-सत्रस्य विषयानक्रम दीप-अनक्रमा:५४० मलाक: पृष्ठांक: पृष्ठांक ०४३ | पृष्ठांक: ३८४ ५०६ १६४ ४१७ ५१३ । २०२ मूलांकः । अध्ययन २२६ ६- महाचारकथा २९४ ७- वाक्यशुद्धिः ३५१ ८- आचारप्रणिधी ४१५ |९- विनयसमाधि: | ९/१- उद्देशक - १ --- | ९/२- उद्देशक - २ ४५१ मूलांक: अध्ययन ००१ | १-दूमपुष्पिका ००६ | २- श्रामण्यपूर्वकं ०१७ |3- क्षुल्लकाचारकथा ०३२ ४- षड्जीवनिकाया ०७६ 4- पिन्डैषणा ५/१- उद्देशक- १ ५/२ उद्देशक-२ ५१९ अध्ययन ९/३- उद्देशक - ३ ९/४- उद्देशक -४ १०- सभिक्षः चूलिका १- रतिवाक्यं २- विविक्तचर्या उपसंहार-नियुक्तिः २४२ ४८१ --- ५४१ ३२४ ४८७ ४९५ ५५८ ૩૨૮ ३६६ ५७० मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[४२], मूल सूत्र-[३] “दशवैकालिक" मूलं एवं हरिभद्रसूरि-विरचिता वृत्ति: ~ 2~Page Navigation
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