Book Title: Aagam 05 Bhagavati Daanshekhariyaa Vrutti Ang Sutra 5 Part 02
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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२८४
१५
मूलाका: ८६८ + ११४ मूलांक::| विषय:
पृष्ठांक शतक - २४
२१६ ८३५ | उद्देशक: ०१ नैरयिक ८४३ उद्देशक: ०२ परिमाण ८४४ | उद्देशक: ०३-११नागादिकुमारा ८४६ उद्देशक: १२-१६ पृथ्व्यादि ८५३ उद्देशक: १७-२० बेईन्द्रियादि ८५७ उद्देशक: २१-२४ मनुष्यादि
शतकं-२५ ८६१ | उद्देशका: १-१२ लेश्या, द्रव्य,
संस्थान, युग्म,पर्यव, निर्गन्थ | संयत, ओघ, भव्य, अभव्य, सम्यग्दृष्टि, मिथ्यादृष्टि । ____ शतक - २६ उद्देशका: १-११ जीव, लेश्या, पखिय, दृष्टि, अज्ञान, ज्ञान, संज्ञा,वेद,कषाय,उपयोग,योग
शतक - २७ ९९१ | उद्देशका: १-११ जीव आदि
जाव २६ शतक
भगवती (अङ्ग)सूत्रस्य विषयानुक्रम
दीप-अनुक्रमा: १०८७ मूलांक: विषय:
| पृष्ठांक:
| मुलांक: | विषय: | पृष्ठांक: शतक - २८ ।
शतक - ३५
२९६ ९९२ | उद्देशका: १-११ जीव आदि--
१०४४ । एकेन्द्रिय शतकानि-१२ जाव २६ शतक
शतक-३६
३०० शतकं-२९
१०५८ | बेन्द्रिय शतकानि-१२ | उद्देशका: १-११ जीव आदि
शतकं - ३७ जाव २६ शतक
१०६१ | त्रिन्द्रिय शतक शतक-३०
.
शतक-३८ ९९८ | उद्देशका: १-११ समवसरण,
१०६२ चतुरिन्द्रिय शतक लेश्या आदि
| शतकं-३९
३०१ शतक - ३१
१०६३ | असंजीपंचेन्द्रिय शतकानि १००३ | उद्देशका: १-२८ युग्म, नरक, |
शतकं - ४० उपपात आदि विषयका:
१०६४ संज्ञीपंचेन्द्रिय शतकानि शतक-३२
•
शतकं-४१ उद्देशका: १-२८ नारक्स्य ---
१०६८ से | उद्देशका: १-१९६ राशियुग्म, उद्वर्तन, उपपात, लेश्यादि
---१०७९ व्योजराशि, द्वापरयुग्मराशि शतकं - ३३
कल्योजराशि इत्यादि १०१८ | एकेन्द्रिय शतकानि-१२
शतकं - ३४ | २९२ । । १०८० से | उपसंहार गाथा १०३३ | एकेन्द्रिय शतकानि-१२
--१०८६
परिसमाप्त:
३०२
९७५
POP
।
२९१
मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[०५], अंगसूत्र-[०५] "भगवती" मूलं एवं दानशेखरसूरि-रचिता वृत्तिः
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