Book Title: Aagam 02 SUTRAKRIT Choorni
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ [०२] श्री सूत्रकृताङ्ग-चूर्णिः नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित - सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः "सूत्रकृत" चूर्णि: [बहुश्रुतकिंवदन्त्याः जिनदासगणिवर्य विहिता [आद्य संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह ) पुनः संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D. श्रुतमहर्षि) jain_e_library's Net Publications 01/02/2017, बुधवार, २०७३ महा शुक्ल ५ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता...... आगमसूत्र -[०२], अंग सूत्र- [०२] "सूत्रकृत" जिनदासगणि विहिता चूर्णि : [0]

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