Book Title: Vyakhyapragnaptisutram Part 03
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

View full book text
Previous | Next

Page 553
________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1631 // 41 शतके उद्देशकः 1-196 सूत्रम् 867-868 राशियुग्मशतकम्। 88888888838388888888888 कडजुम्मा तंसमयं तेयोगा?, णो इणटेसमटे, ३जंसमयं तेयोया तंसमयंदावरजुम्मा समयंदावरजुम्मा तंसमयं तेयोगा?,णोइणढे समढे, एवं कलियोगेणवि समं, सेसंतंचेव जाव वेमाणिया नवरं उववाओसव्वेसिं जहा वकंतीए। सेवं भंते! रत्ति॥४१-२॥१ रासीजुम्मदावरजुम्मने० णं भंते! कओ उवव०?, एवं चेव उद्देसओ नवरं परिमाणं दो वा छ वा दस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उवव० संवेहो, 2 तेणं भंते! जीवा जंसमयंदावरजुम्मा तंसमयंकडजुम्मा जंसमयंकडजुम्मा तंसमयंदावरजुम्मा?, णो इणढे समढे, एवं तेयोएणवि समं, एवं कलियोगेणवि समं, सेसं जहा पढमुद्देसए जाव वेमाणिया। सेवं भंते! रत्ति // 41-3 // 1 रासीजुम्मकलिओगने० णं भंते! कओ उवव०?, एवं चेव नवरं परिमाणं एक्को वापंच वानव वा तेरस वा संखेज्जा वा असं० उवव० संवेहो, 2 ते णं भंते! जीवा जंसमयं कलियोगा तंसमयं कडजुम्मा समयं कडजुम्मा तंसमयं कलियोगा?, नो इणढे समढे, एवं तेयोएणवि समं, एवं दावरजुम्मेणवि समं, सेसं जहा पढमुद्देसए जाव वे०। सेवं भंते! रत्ति // ४१-४॥१कण्हलेस्सरासीजुम्मकडजुम्मनेणंभंते! कओउवव०?, उववाओजहा धूमप्पभाए सेसंजहा पढमुद्देसए, असुरकुमाराणं तहेव एवंजाव वाणमंतराणं मणुस्साणवि जहेव नेरइयाणं आयअजसं उवजीवंति अलेस्सा अकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति एवं न भाणियव्वं सेसंजहा पढमुद्देसए। सेवंभंते! रत्ति ॥४१-५॥१कण्हलेस्सतेयोएहिवि एवं चेव उद्देसओ, सेवं भंते! रत्ति॥४१-६॥१कण्हलेस्सदावरजुम्मेहिं एवं चेव उद्देसओ। सेवं भंते! रत्ति // ४१-७॥१कण्हलेस्सकलिओएहिवि एवं चेव उद्देसओ परिमाणं संवेहो य जहा ओहिएसु उद्देसएसु / सेवं भंते ! रत्ति // 41-8 // जहा कण्हलेस्सेहिं एवं नीललेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा भा० निरवसेसा, नवरं नेरइयाणं उववाओ जहा वालुयप्पभाए सेसंतं चेव / सेवं भंते! रत्ति // 41-12 // काउलेस्सेहिवि एवं चेव चत्तारि उद्देसगा कायव्वा नवरं नेरइयाणं उववाओजहा रयणप्पभाए, सेसंतंचेव।सेवं भंते! रत्ति ॥४१-१६॥१तेउलेस्सरासीजुम्मकडजुम्मअसुरकुमाराणं भंते! 0 // 1631 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562