Book Title: Vyakhyapragnaptisutram Part 03
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
View full book text ________________ अन्त्य मङ्गलम्। श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1637 // सुयदेवया यजक्खो कुंभघरो बंभसंति वेरोट्टा / विजा य अंतहुंडी देउ अविग्धं लिहंतस्स // 1 // सूत्रम् 869 / इति श्रीविवाहपन्नत्ती पंचमं अंगसम्मत्तं ॥श्रेयोऽस्तु लेखकपाठकयोः॥०१५७५१॥ श्रीरस्तु // णमो गोयमाईणं गणहराण मित्यादयः पुस्तकलेखककृता नमस्काराः प्रकटार्थाश्चेति न व्याख्याताः। इति श्रीमदभयदेवसूरिविरचिता श्रीपञ्चमाङ्गविशेषवृत्तिः परिसमाप्ता॥ ॥इति श्रीमच्चन्द्रकुलनभोनभोमणिश्रीमदभयदेवाचार्यवर्यविहितविवरणयुतं श्रीमद्भगवत्यङ्गविशेषवृत्तिः परिसमाप्ता। 8 // 1637 //
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