Book Title: Vruttajatisamucchaya
Author(s): H D Velankar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishtan

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Page 159
________________ ११४ सटीको वृत्तजातिसमुच्चयः 3.22 4.39 4.55 4.64 9.14 1.25 6.28 4.10 13 4.75 6.43 4.27 3.41 4.63 6.29 4.102 4.62 4.98 4.18 1.29 4.94 3.12 3-21 4.68 6.55 1.4 1.26 4.84 4.80 1.14 4.82 6.32 4.71 2.6 1.27 2. चंदक्कंतिआ मुहवारणिआ चलणसमोहसि चामरभावजुअंमि चामरभावजुअं हाराण चिंत्ता सिद्धी भद्दा छहहिअविष्पवरे छन्वीसं गाहाणं छन्वीसं जह गाहा जं जिअलोए जं णिउत्तसरतोमर जइ अपिए तिणि जइ तिअलअस्स जइ पीणसमुण्ण जइ पेच्छसि पीण जत्थ अ ण देइ भाअं जस्स रह रहंगअंच जा अवलंबइ चउ जाणसु अ जहासंखं जा वत्थुआइ लहुई जीअ तुरंगबाण जीअ तुरंगबाणरहजुअल जीअ पेच्छसि जीए दुए वारणआ जीसे जोहवं चाव जीसे पाअए पंकअवअणिए जीसे होइ पुरोहिओ जे पढमत्था वण्णा जे पिंगलेण भणिआ जोअणसत्तासीई जोहरहंगसंदणआ ठविऊण तिणि तीस अ ठविएसु सरतोमर ठाणहिओ पसोहइ णरणाराअणवासुइ णाराअस्स विरुज्झइ णिअमिअअं खुरुप्पअं णेउरभावमणिं सरसं तं पिंडिजज्जउ णिउणं तइअधणुमणिविरमअं तलतालवण्ठआणं ता कीस हिअब तिणंहितो विउणा तिणि तुरंगा तिणि पुरोधअअआ तिण्णि रहाई ठवेप्पिणु तीपण्णासं पंचावण्णा तुरअगइंदरहंगआ तुरअरहंगबाणए तुरअरहं पाइक्कं तुरअसुअण्णआ तूरविसेसा तिलहुअ थणहरो सअण्णो थोरोरु हालभुवइंद दइए छअओअरि दीसइ पाए दुवईगणसम्माणं दुवईगीइअ दुवईण जा ण छंदे देइं सरस्सई दे कुटुंभअस्स दे विज्जुआइ पाअ दे सचामरसरूव दोवड़ि इक्कहाणी दोहिं संदाणिअअं धणुअरदुईसहस्सा धोरणि गुमगुमेइ निव्वाइअअहिअक्खर पक्खिणाहअंदाविरं पविखणाहअं पिए पक्खिणाहअहत्थाणं पक्खिणाहा दुवे पंचगणा सत्तगणा पंचण्ह सया पुरओ पंचमछहहिअपाअक्क पंचमतइअएहिं मुद्धे पंचमतइअसुअण्णआ पढमगअंदबीअकरवाल पढमगअंदबीअविणिउत्त पढमगइंदबीअविणिउत्त पढमगइंदविणिओइअ 1.1 4.53 3-11 4.19 6.27 4.86 6.57 4.34 1-30 4.72 4.105 3.3 3.31 3.14 3.14 3.42 6.36 6-1 6.61,62 3.53 6.26 3.17 1.21 4.87 4.58 3-30 4.77 6.9 2.2 1.10 4.76 4.57 4.69 4.101 4.9 3.29 4.96 4.93 4.99 3.39 3.38 4.85

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