Book Title: Vruttajatisamucchaya
Author(s): H D Velankar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishtan

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Page 165
________________ APPENDIX II A Brief Statement of Metres defined in Niyama IV N. B. Figures within brackets refer to the numbers of stanzas.. I समचतुष्पदी : 1 विलासिनी (v. 15); 2 निर्वापिता or निध्यायिका (16); 3 बाणासिका (17); 4 परिनन्दित (19); 5 आनन्दित (20); 6 क्रीडनक (21); 7 तरंगक (22); 8 शम्या (23); 9 अधिकाक्षरा (24); 10 नर्कुटक (25; also see v. 34); 11 रमणीयक (26); 12 अडिला (32-34); 13 दण्डक (46); 14 उद्गता (52); 15 कुटुंग्भक (53); 16 छित्तक (54); 17 मित्तक (55); 18 सामुद्गक (56); 19 गाथ (57); 20 नाराचक (59); 21 ललिता (60); 22 भ्रमरावलि (61); 23 कुमुदक (62); 24 वीथी (67); 25 अवलम्बक (68); 26 वृन्तलक (71); 27 हंसिनी (72); 28 खेटक (76); 29 सालभञ्जिका (79); 30 मनोरमा (82); 31 अन्तुल्लक (83); 32 रास (85); 33 संपिण्डिता (89); 34 ललिता (93); 35 विभूषणा (94); 36 लम्बिता (96); 37 सुधा (97); 38 कुमुदिनी (98); 39 नलिनी (99); 40 पदगलिता (102). Nos. 33 to 40 are all called गलिता. II अर्धसमचतुष्पदी : 1 खञ्जक (18); 2 मागधिका (28); 3 खण्डोद्गता (47); 4 वैतालीय (48); 5 औपच्छन्दसक (49); 6 आपातलिका (50); 7 बिन्दुतिलक (66); 8 उद्गीतक , (81); 9 चन्द्रोद्योतक (84); 10 मुखगलिता (101); 11 विषमगलिता (104). III विषमचतुष्पदी : 1 चतुष्पद (69). IV पञ्चपदी : 1 मात्रा (29-30). V द्विपदी : 1 गाथा (1-8); 2 स्कन्धक (9); 3 गीति (13); 4 उपगीति (14); 5 द्विपथक (27); 6 ढोसा (35-36); 7 उत्फुल्लक (63); 8 विशाला (90); 9 विच्छित्ती (91); 10 प्रसृता (92); 11 माला (105). VI द्विभङ्गी : 1 रड्डा (30-31); 2 मालाशीर्षक (39-40); 3 अधिकाक्षरा-शीर्षक (41-42); 4 संगतक (64-65); 5 एकक (70); 6 खडहडक (73-75); सोपानक (77-78). VII त्रिभङ्गी : 1 त्रिकलक or निर्वापिताशीर्षक (43-45); 2 एकक (70). VIII चतुर्भङ्गी : 1 तल (80). IX पञ्चभङ्गी : 1 तालवृन्त (80). x बहुभङ्गी : 1 रासक (37); 2 रासक (38). XI वर्णवृत्तानि : 1 खेटक (76); 2 गाथ (57); 3 छित्तक (54); 4 तरंगक (22); 5 दण्डक (46); 6 नाराचक (58-59); 7 परिनन्दित (19); 8 भित्तक (55); 9 भ्रमरावलि (61); 10 संगतक (64); 11 हंसिनी (72). See note at the end of Notes on Niyama III for others.

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