Book Title: Vijaydev Mahatmyam
Author(s): Motilal Laghaji
Publisher: Motilal Laghaji

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Page 63
________________ ५० श्रीवल्लभोपाध्यायविरचितं [ अष्टमः एवं श्रीविजयादिसेनमुनिपो यस्मै सुशिष्यत्रयम् पादाद् भक्तिवशमसन्नहृदयो यत् किं न दत्ते प्रभुः । सोऽव्याच श्रीविजयादिदेवसुगुरुभंव्यानपायोच्चयाच् श्रीश्रीवल्लभपादकेन कविना व्याख्यात दीक्षोत्सवम् ॥१४२॥ इति श्रीश्रीवल्लभोपाध्यायविरचिते श्रीमद्विजयदेवमहात्म्यनाम्नि महाकाव्ये श्रीविजयदेवसूरिवराणां श्रीविजयसेनसूरिप्रदत्तश्रीकनकविजयादिशिष्यप्रदानवर्णनो नाम अष्टमः सर्गः ॥ ८॥ Ahol Shrutgyanam

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