Book Title: Veer Ekadash Gandhar Puja
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Granth Bhandar

View full book text
Previous | Next

Page 35
________________ (३७) ( मोह मायाना करना रे.-चाल )* मोह मिथ्या तिमिर मिटाना रे, प्रभु वीर वचन जग भाना ॥ अंचली। इंद्र वरुण यम कुबेर आदि, ___मायोपमा किस जाना। याज्ञिक जावे स्वर्गलोकमें, यह भी वेद वखाना रे-प्रभुवीर० ॥१॥ इसी कारण संशय मन आयो, . दीसे नहीं गीग्वाना। वीर कहे सुनो मौर्यपुत्र तुम, __ प्रत्यक्ष देव पिछाना रे-प्रभु० २॥ हम तुम सन्मुख बैठ हैं देखो, संशय दूर भगाना। वेद वचन मायोपम जानो, देव अनित्य कहाना रे-प्रमु० ३॥ . कल्याणक जिन देव प्रभावे, भुवि मानो देव आना। शेष कालमें स्वर्ग सुखोंमें, मन कारण नहीं आना रे-प्रभु०॥४॥ ___ + यदि इसको सोरठमें गाना चाहो तोभी गा सकते हो। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42