Book Title: Veer Ekadash Gandhar Puja
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Granth Bhandar

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Page 42
________________ अकंपित अरु अचल भ्राता मेतारज प्यारा-प्रभु मेतारज प्यारा / गणधर श्री परभास सुहंकर भय भंजन हारा-जय जिन ओंकारा / जय० 6 // शिव शंकर अघहर अघमोचन निनवर गणधारा-प्रभु जिनवर गणधारा। . आतम लक्ष्मी हर्ष अनुपम वल्लभ अवधारा-जय जिन ओंकारा / जय० 7 // // इति // समाजमें धार्मिक उत्तम ग्रंथ प्रकाशित करनेवाली सीरीज / आत्मवल्लभ-ग्रंथ सीरीज। इसमें अबतक नीचे लिखे ग्रंथरत्न प्रकाशित हो चुके हैं। १-पूजा संग्रह-इसमें स्वर्गीय विजयानंद सूरिजी और उनके पधारी विजयव लभ सूरिजी महाराज रचित पूजाएँ हैं / मू० 15 रु. २-चारित्र पूजा-(विवेचन सहित ) आचार्य श्रीविजयवल्लभ सूरिद्वारा रचित / ३-पंच प्रतिक्रमण सूत्र-संपादक , , , मू० 1 // ) ४-एकादश गणधर पूजा-रचयिता ,, , , सदुपयोग ५-चौदह नियम ६-स्त्रीरत्न (प्रथम भाग) अनेक चित्रोंसहित। ७-शान्तिनाथ पूजा-(विवेचन सहित ) रचयिता आचार्य श्रीविजयवल्लभ मूरि महाराज / मू० सदुपयोग। ८-आदर्शजीवन-लेखक कृष्णलाल वर्मा / यह आचार्य श्रीविजयदलभ सूर महाराजका वृहद जीवनचरित्र है। पृष्ठ संख्या 768 चित्र संख्या 27 रेशमी कपड़ेको जिल्द ऊपर सुनहरी अक्षर / मूल्य मात्र 3 // ) साढ़े तीन साये / ग्रंथ मिलनेका पतामैनेजर ग्रंथ भंडार, हीराबाग, गिरगांव, बंबई। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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