Book Title: Vaishali Institute Research Bulletin 2
Author(s): G C Chaudhary
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur

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Page 9
________________ 91 . 100 116 124 - 158 161 165 171 192 ( vi ) 24. आचार्य कुन्दकुन्द और अद्वैतवाद -डॉ० देवनारायण शर्मा 25. जैनधर्म का उद्भव एवं विकास : एक ऐतिहासिक मूल्यांकन -डॉ० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' 26. मूलाचार में प्रतिपादित मुनि-आहार-चर्या -फूलचन्द जैन 'प्रेमी' 27. संतकम्मपाहुड और छक्खंडागम -सिद्धान्ताचार्य कैलाशचन्द्र शास्त्री 28. सिद्ध -साहित्य का मूलस्रोत-डॉ० नागेन्द्र प्रसाद 29. जैनरामायण पउमचरिउ में चरित्र-चित्रण के मानदण्ड -डॉ० देवनारायण शर्मा 30. सन्देशरासक की हिन्दी टीका पर कुछ टिप्पणियाँ -डॉ० रा० प्र० पोद्दार 31. भगवती आराधना और उसका समय -डॉ० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' 32. प्राकृत तथा अपभ्रंश का ऐतिहासिक विकास -डॉ० देवेन्द्रकुमार शास्त्री 33. संतकवि रइधू और उनका साहित्य-डॉ० राजाराम जैन ... 434. भ० महावीर का एक नया पूर्वभव -डॉ० के०आर० चन्द्र 35. महाराजा भोज के समय का एक अपभ्रश काव्य : सुदंसणचरिउ --श्री अगरचंद नाहटा 36. 'चरिउ' और मानस'-डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन 37. जैन नाटककार हस्तिमल्ल का समय ०कन्छेदीलाल जैन 38. तार्थंकर महावीर का प्रतिमा-निरूपण --मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी 39. विदेशी विद्वानों का जैनविद्या को योगदान -प्रेम सुमन जैन 40. हिन्दू तथा जैन साधु-आचार " -डॉ० देवनारायण शर्मा 41. जैनदर्शन और तर्क की आधार भूमिः प्रमाण -श्री श्रीरञ्जन सूरिदेव 42. प्राचीन भारत में गणतंत्र का आदर्श -डॉ. देवनारायण शर्मा 43. जैन तर्कशास्त्र में निर्विकल्पक ज्ञान प्रमाण की मीमांसा -प्रो० लालचन्द जैन 44. Opinions of Rajasekhara as a Critic -R. P. Poddar 45. Meaning and Expression in Poetry --R.P. Poddar . 198 204 207 .. 215 223 232 245 270 279 284 299 319 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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