Book Title: Uttar Bharat me Jain Dharm Author(s): Chimanlal J Shah, Kasturmal Banthiya Publisher: Sardarmal Munot Kuchaman View full book textPage 4
________________ आर्थिक सहयोगी सेठ श्री सरदारमलजी मुनोत रियांवाला कुचामन सिटी (राजस्थान) SAR -: संक्षिप्त परिचय : Presita-CA आपका जन्म राजस्थान के नागौर जिले के अन्तर्गत कुचामन सिटी मे 75 वर्ष पूर्व हुमा । आप श्रीमान् सेठ श्री तेजमलजी मुनोत के द्वितीय सुपुत्र हैं। आप बहुत ही सरल प्रकृति शान्त स्वभावी हंसमुख व्यक्ति हैं । सभी संत सतियों के प्रति आपकी गहरी श्रद्धा है। समाज के हर कार्य में आप व आपका परिवार हमेशा अग्रसर रहते हैं । आपके पांच सुपुत्र दो सुपुत्री एव दस पौत्रों का हराभरा सुखी परिवार है। आप एवं आपके परिवार के सदस्य कोई भी सामाजिक. शैक्षणिक, स्वास्थिक कार्य के प्रायोजन में हमेशा बड़ी दिलचस्पी से तन, मन व धन से पूरा करके ही बड़ा सन्तोष अनुभव करते हैं । आपका परिवार समाज की कई संस्थानों से जुड़ा हुआ है। आप अपने व्रत प्रत्याख्यान के पक्के दृढ़ श्रावक हैं। आपके पांचो सुपुत्र बम्बई में बिल्डिंग कन्स्ट्रकसन (भवन निर्माण) का व्यापार करते हैं। आप व आपके सुपुत्र अनेक समाज सेवी संस्थाओं को मुक्त हस्त से दान देते हैं। आप मारवाड़ के अढाई घरों में से एक घर कहलाने वाले रियां वाले सेठों के परिवार में जन्म लेने वाले एक पारिवारिक सदस्य हैं। इस परिवार ने जोधपुर एवं जयपुर राज घरानों की आर्थिक सहायता काफी मात्रा में की हैं और इसीलिए इस परिवार को सेठों की पदवी से सुशोभित किया था। और दरबार में हमेशा इस परिवार को सम्मान से देखा जाता था। भारत जैन महामण्डल का तीन वर्ष पूर्व बम्बई का अधिवेशन सफल बनाने में आपका पूर्ण योगदान रहा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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