Book Title: Updesh Ratnakara
Author(s): Munisundarsuri, Amrutlal
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
View full book text
________________
उपदेशरलाकर
॥ ५ ॥
Jain Education In
वाण्या व्यावर्णित इत्यपि न चेत् स्खलना सत्यमनुमिमीमहे |
एतन्मुद्रणकार्ये प्रथमं तावत्षोडशशतीयमाची नशुद्धपुस्तकादादर्शपुस्तकं विधाय पश्चात्तत्तदन्यप्रत्यनुसारेण शोषितं श्रीमदमरचन्द्रस्यात्मजेन | अमृतलालेन श्रीदेवचन्द्रीय पुस्तको डारभाण्डागार कार्यवाहकद्वारेति विज्ञप्य स्खलितमार्जनविषयां च विधाय विज्ञप्तिकां समाप्यत इदं श्रमण चरणकमलचञ्चरीकानन्दसागरैरिति । श्रीमदणहिलपत्तने श्रीवीरस्य २४४० तमे वर्षे श्रावणकृष्णनवम्यां शनिवासरे.
DOG
For Private & Personal Use Only
980606395996
उपोद्घातः
॥ ५ ॥
inelibrary.org

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 486