Book Title: Updesh Ratnakara
Author(s): Munisundarsuri, Amrutlal
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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Jain Education
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199991
प्रथमेऽंशे दृष्टान्ताः । | धर्मनृपस्य उभयगतानिष्टहरणे विधिना विद्याग्रहणे श्रेणिकनृपस्य
रक्तत्वे तलवरस्य द्विष्टत्वे दुर्योधनस्य मौढ्ये गङ्गापाठकस्य पूर्वव्युद्राहिते गोपालकस्य अतिशयबोधे उदायनस्य ..... अनवस्थिते श्रेष्ठिगृहिण्याः.... बधिरकुटुम्बस्य कुग्रहे लोहग्राहकनरस्य
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॥ अथ दृष्टान्तानां विषयाणां चानुक्रमः ॥
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पत्राङ्कः
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पामरस्य
श्रुतग्राहिणः पारतन्त्र्यादिना धर्मश्रवणे बटुकस्य क्रियाभ्यासे श्यामलवणिजः कृष्णावनिसमानामानन्दादीनाम् मणिखनिसमेन्द्रनागस्य उपदेशत्यागे कपिलस्य विषपरिणामे सूचीमुख्याः यथाश्रुते कुलपुत्रकस्य
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मुनशैलस्य अयोग्यत्वे गोग्राहकद्विजानां योग्यायोग्यत्वयोः.....
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पत्राङ्कः
१३-२ १३
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