Book Title: Updesh Ratnakara
Author(s): Munisundarsuri, Amrutlal
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ Jain Education ०००००००००० 199991 प्रथमेऽंशे दृष्टान्ताः । | धर्मनृपस्य उभयगतानिष्टहरणे विधिना विद्याग्रहणे श्रेणिकनृपस्य रक्तत्वे तलवरस्य द्विष्टत्वे दुर्योधनस्य मौढ्ये गङ्गापाठकस्य पूर्वव्युद्राहिते गोपालकस्य अतिशयबोधे उदायनस्य ..... अनवस्थिते श्रेष्ठिगृहिण्याः.... बधिरकुटुम्बस्य कुग्रहे लोहग्राहकनरस्य **** .... **** ॥ अथ दृष्टान्तानां विषयाणां चानुक्रमः ॥ .... .... .... www. .... .... .... .... .... ---- .... .... .... .... .... .... **** पत्राङ्कः ५ ७ . ८ ९ ९ AAJ ११ १२ १२ पामरस्य श्रुतग्राहिणः पारतन्त्र्यादिना धर्मश्रवणे बटुकस्य क्रियाभ्यासे श्यामलवणिजः कृष्णावनिसमानामानन्दादीनाम् मणिखनिसमेन्द्रनागस्य उपदेशत्यागे कपिलस्य विषपरिणामे सूचीमुख्याः यथाश्रुते कुलपुत्रकस्य .... मुनशैलस्य अयोग्यत्वे गोग्राहकद्विजानां योग्यायोग्यत्वयोः..... For Private & Personal Use Only .... **** .... .... .... **** .... .... .... .... .... .... .... **** **** .... .... .... **** .... .... www. .... .... .... पत्राङ्कः १३-२ १३ १४ १५ १५ १६ १९ २० २१ २३ २६ 3००००००9999999 jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 486