Book Title: Upasakdashanga aur uska Shravakachar
Author(s): Subhash Kothari
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 232
________________ उपासकदशांग में वणित समाज एवं संस्कृति २१९ है। यह आलभिया नगरो उनके अनुसार प्रयाग या मगध में होनी चाहिए।' ५. काम्पिल्यपुर-कुण्डकौलिक काम्पिल्यपुर में निवास करता था। महाभारत में काम्पिल्य का उल्लेख आता है, यह उस समय के दक्षिण पांचाल प्रदेश का एक नगर था, जो राजा विद्रुप का राजधानी था।३ ज्ञाताधर्मकथा में भी पांचाल देश के राजा द्रुपद के काम्पिल्यपुर का वर्णन है। इस समय यह बदायूएवं फर्रुखाबाद के बीच बूढ़ी गंगा के किनारे काम्पिल्य नाम से अवस्थित है। ६. पोलासपुर-सकडालपुत्र पोलासपुर में निवास करता था।' भगवान महावीर अपने इक्कीसवं चातुर्मास में यहां आये थे। पालि साहित्य में इसका नाम पोलासपुर मिलता है।" ७. राजगृह-महाशतक राजगृह में निवास करता था। यह मगध की राजधानी थी। यहां राजा श्रेणिक राज्य करता था। बिहार में स्थित वर्तमान राजगह प्राचीनकाल का राजगृह ही है। पांच पहाड़ियों से गिरा होने से उसे गिरिव्रज भी कहते हैं । आचार्य आत्माराम के मतानुसार राजगृह बिहार प्रान्त में पटना से पूर्व तथा गया से पूर्वोत्तर में स्थित है। यह पटना से ८० मील और नालन्दा से ८ मील दूर है।'' १. शास्त्री, देवेन्द्रमुनि-भगवान महावीर : एक अनुशीलन, परिशिष्ट, पृष्ठ ४० २. उवासगदसाओ -- मुनि मधुकर, ६/१६५ ३. क. महाभारत-आदिपर्व, १३७/७३ ख. उद्योगपर्व, १८९/१३ ग. शांतिपर्व, १३९/५ ४. णायाधम्मकहाओ, १६ ५. उवासगदसाओ-मुनि मधुकर, ६/१६५ (विवेचन) ६. वही, ७/१८० ७. उपासकदशांगसूत्र-मुनि आत्माराम, पृष्ठ ३८७ ८. उवासगदसाओ-मुनि मधुकर, ८/२३१ ९. जैन, डॉ० प्रेमसुमन-कुवलयमाला का सांस्कृतिक अध्ययन, पृष्ठ ७० १०. उपासकदशांगसूत्र-मुनि आत्माराम, परिशिष्ट , पृष्ठ ३८९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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