Book Title: Ukti Vyakti Prakarana
Author(s): Damodar Pandit
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 179
________________ ३. व्याख्यागत-विशिष्टनाम्नामकारायनुक्रमेण सूचिः। पृ०, पं० पृ०, · पं. अपग्रंश [भाषा] , २-२,११ धनपाल २१-१७ कनउज [नगर] १३-१६ नागर [जाति] २४-२ कन्यकुब्ज [नगर २३-१६,३०-६ पशुराम । ०३-१२ कर्णभेरु [प्रासाद] ३.२२,२७,१५-१९ पैशाचिक [भाषा] २-२ कालिदास [कवि १०-१७ प्रयोगप्रकाश [ग्रन्थ] ३१-२६ किरात [ग्रन्थ]. . ४-८९१०-१७ प्रयाग [नगर] ३०-१५,१७ गङ्गा [नदी] ५-२४,२४-१ प्राकृत [भाषा] २-२ गया [तीर्थस्थान] २३-१२ मध्यदेश ४-१३ गयापाल [नृप] ५१-२८ माघ [कवि १०-१७ गोविन्द ) २१-१८, राजसागर [तडाग] २१-१५ गोविन्दचन्द्र : नृप] २४-१०, वाराणसी [नगरी] २४-१:२८-७,११, गोविन्दचन्द्रदेव ) ११,१४ २९-२२,३०-४ तुरुष्क [देश ३-२२ संस्कृत [भाषा] २-११३-२७४-८ देवशर्मा [उपाध्याय २३-२० सर्ववर्मा [ग्रन्थकार] द्रविड [देश ४-१३ सूरपाल [राजपुरुष] २१-१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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