Book Title: Ukti Vyakti Prakarana
Author(s): Damodar Pandit
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 182
________________ करवें किंह-कर्तुम् ११-२१० करसि करोषि . १६-६ २०-५, २०-१६ ( अ ) करों:, (मा) रम कार्षीः १० - १७ करहु - कुर्ध्वः १६-८;" कुमैः १६ -८१ कुरुथः १६- ६; कुरुथ १६-७ कार्य २१-१६ - करावि . कराविह - कारयिष्यति २१-१८, करांवित कार्यमाणम् २१-१६ करि - कृत्वा १५-४, २०-१८ करि करि कारं कारम् ११-१६ करिह (भाविनि काले ) ८- २२; करिष्यति २१-१२; करिष्यति, कर्त्ता, क्रियात् ९-२० करिहसि - करिष्यसि २० - १३ करि - कृतासु १०-१५ अपभ्रंश शब्दसूचि • करु कुरु ९-३० करें - कृते १५ -१; गृहे ५१-८ करोअ - कुरति, कोरयति वा ५२-६ करोव - कुतेि ५२-९ कहारु - काहारः ४९-२९ कंणि - कव्याम् ५१-२७ कंदुआव- कंदूयते ७ - १४ कंरोव - कोरयति ७ - १४ कवण का - कस्मे कस - किद्दशः ३२-१ कहार कहारौ, काहारा वा २१-२९ का - कस्य १५-१ काकरें - कस्य २७-१०, २९-६, ३०-५ का किह - कस्मै २८-२ का किहं कस्मै २६-२८, २८-२ का किंह - कस्मै २७-७, २९–१, ३१-२ का किंहं. - कस्मै ३० -१, ३२–१ काजु.- कार्यम् ५२-७ काठहू - काष्ठैः १३-२१ कातौ - कुतः २८-८ काम - कर्णम् ५०-१२ काने - कर्णेन, कर्णाभ्यां वा ६-२८ कापडी - कार्पटिकः ५-२५ Jain Education International • काहितौ - कस्मात् ३२-२. काहे - केन ३२-१ कलाव - कलापम् १२-६ कलिहारि - कलिहारिका ४९-१३ कवडी - कपर्दकान् ५१-८ काहें - केन २२ - ९, २६-२७, २७-६, २८-२९, २९-१, ३०-१, ३१-२, कया २२-११ -- कांध - स्कन्धे ६-२१ कांबल - कम्बलम् ५-१५ कवण - कः १९ – ३०,२१– १४; कतमः १९ – २७, कांही - कुत्र ३०-३ . * १९-३१ कापड - कर्पट ५२-१२ का पास कुतः २६- २९, २७, २८–२, २९-२०३०-१ का पासु - कुतः ३१-२ का - कामयते ७-४ कालिदास - कालिवासः १०-१७ कालें - कालेन २३-१६० काह - १९-२४, कानि १९-२५, किम् १९ - २३, २० - ३, २१-२६० २६-२४, २७–४, २८-२७, २९-१, ३०-१, ३१-२, ३२-१ काहा - कुत्र २७ - ९ काहां किम् २२ - १, कुन २६-३०, २८-३, २९-७, ३१-२; कस्मिन् ३२-२ - ५९ काहां हुंत - कस्मात् २३-१५, कुतः २३-१६ काहि - कस्मै २२-२७ किअ - अकारि २०-१० किसि ( गते काले ) ८- २१ अकरोत्, अकार्षीत्, चकार, अकरिष्यत् ९-९, कृतः, कृतवान्, चक्रवान् चत्राणः, कृतवती, चक्रुषी, चक्राणा १२ - ५ किएं - कृत २१ - २६ किछु - किञ्चित् १५-५ किरात - किरातः १० - १७ किंह - कृते १४- ३०, १५–१ . कीज - क्रियते ५-४, १५–५, १५-४ कीजए - क्रियते २०-३ कीजत - क्रियमाणम् २०-७ कीज हो - क्रियते २० - २० कुकुरु - श्वानम् ५७ - १८ के-के २१-२१ केइ - केन २७-४ केई - कः २१-६; केन २१-३, २१-९ केई - - कः २१-१५३ केन ३०-२४ केन्तौ - कियन्तः १०-१७ केहुं - केन १५- ६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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