Book Title: Tirth Darshan Part 2
Author(s): Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publisher: Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai

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Page 220
________________ श्री महावीर भगवान का उल्लेख है । गूढ़ मण्डप में अन्य कायोत्सर्ग प्रतिमाओं पर वि. सं. 1242 का लेख उत्कीर्ण है जिनमें भी मूलनायक श्री महावीर भगवान रहने का उल्लेख है । पन्द्रहवीं शताब्दी में श्री साधुचन्द मुनिवर द्वारा रचित "चैत्य परिपाटी" में भी श्री महावीर भगवान का उल्लेख है । हो सकता है तत्पश्चात् जीर्णोद्धार के समय श्री आदीश्वर भगवान की यह प्रतिमा प्रतिष्ठित की गयी होगी । इस प्रतिमा पर कोई लेख नहीं है । प्रतिमा अति ही प्राचीन हैं । कुछ वर्षों से जीर्णोद्धार का कार्य चालू है । विशिष्टता प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्णा प्रतिपदा को ध्वजा चढ़ायी जाती है । अन्य मन्दिर 8 वर्तमान में यहाँ इसके अतिरिक्त कोई मन्दिर नहीं हैं । कला और सौन्दर्य 8 यहाँ के मन्दिर में मूलनायक भगवान व अन्य प्रतिमाओं की कला दर्शनीय है। मार्ग दर्शन 8 नजदीक का रेल्वे स्टेशन व बस स्टेशन आबू रोड़ 6 कि. मी. हैं, जहाँ से आटो व टेक्सी का साधन है। मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । यहाँ से मानपुर 4 कि. मी. दूर है । सुविधाएँ ठहरने के लिए निकट ही छोटी धर्मशाला है, परन्तु आबू रोड़ धर्मशाला या मानपुर तीर्थ में ठहर कर यहाँ आना सुविधाजनक है, वहाँ भोजनशाला आदि की सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं । __ पेढ़ी 8 श्री ओर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ पोस्ट : ओर - 307 026. व्हाया : आबू रोड़, जिला : सिरोही, प्रान्त : राजस्थान । श्री आदिनाथ जैन मन्दिर-ओड़ श्री ओड तीर्थ तीर्थाधिराज श्री आदीश्वर भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 80 से. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल बतरिया नदी के किनारे बसे ओर गाँव के बीच । प्राचीनता इसका प्राचीन नाम ओड़ रहने का शिलालेखों में उल्लेख मिलता है । मन्दिर में श्री अम्बिका देवी की प्रतिमा के परिकर पर वि. सं. 1141 आषाढ़ शुक्ला १ का लेख उत्कीर्ण है, जिसमें 456

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