Book Title: Tirth Darshan Part 2
Author(s): Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publisher: Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai

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Page 237
________________ श्री वासुपूज्य भगवान-होशियारपुर श्री होशियारपुर तीर्थ तीर्थाधिराज श्री वासुपूज्य भगवान, पद्मासनस्थ, श्वेत वर्ण, लगभग 100 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल होशियारपुर शहर के शीश महल बाजार में । प्राचीनता प्राचीन समय से पंजाब से सिंध तक यह पूरा क्षेत्र जैन धर्म का अतीव जाहोजलालीपूर्ण केन्द्र रहा । आचार्य मानतुंगसुरिजी ने नाडोल में रहकर लधुशांती स्तोत्र की रचना कर इसीक्षेत्र में चल रही महामरी उपद्रव को शांत किया था । आर्य कालकासूरि, तत्वार्थसूत्र के रचियता वाचकपुंगव 473

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