Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Part 02
Author(s): Udayprabhvijay
Publisher: Keshar Chandra Prabhav Hem Granthmala

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Page 359
________________ ३२७ तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - किमिया-पिपीलिया - भमरा - मणुस्स इत्यादि । - तत्त्वार्थसूत्र अध्याय २४ जस्स णं अत्थि ईहा अवोहो मग्गणा गवेसगाचिंता वीमंसा से णं सण्णीति लब्भइ । जस्स णं नत्थि ईहा अवोहो मग्गणा गवेसगाचिंता वीमंसा से णं असन्नीति लब्भइ । ( नन्दि सूत्र - ४० ) - तत्त्वार्थसूत्र अध्याय तत्त्वार्थसूत्र अध्याय कम्मासरीरकायप्पओगे । तत्त्वार्थाधिगमसूत्राणां बीजभूत "आगम सूत्राणि • २, सूत्र - २३ - - २, सूत्र - २, सूत्र - - तत्त्वार्थसूत्र अध्याय २, सूत्र २६ परमाणुपोग्गलाणं भंते ! किं अणुसेढीं गती पवत्तति विसेदिं गती पवत्तति ? गोयमा ! अणुसेढीं गती पवत्तति नो विसेदिं गती पवत्तती ? दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं अणुसेढीं गती पवत्तति विसेदिं गती पवत्तति एवं चेव, जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं१ नेरइयाणं भंते ! किं अणुसेढीं गती पवत्तति एवं विसेदिं गती पवत्तति एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं । ( व्याख्या प्र. शत. २५, उद्दे. - ३, सूत्र - - २, सूत्र - तत्त्वार्थसूत्र अध्याय उजूसेढीपडिवन्ने अफुसमाणगई उड्ढं एक्कसमएणं अविग्गहेणं गंता सागारोवउत्ते सिज्झिहिइ। ( औपपातिक सूत्र सिद्धाधिकार सूत्र - ४३ ) २५ - - २७ २, सूत्र २९ तत्त्वार्थसूत्र अध्याय एगसमइयो विग्गहो नत्थि । परिशिष्ट - ५ २, सूत्र २८ रइयाणं उक्कोसेणं तिसमतीतेणं विग्गहेणं उववज्जंति एगिंदिवज्जं जाव वेमाणियाणं । (स्था. स्थान ३, उद्दे. ४, सूत्र - २२५ ) (प्रज्ञा. प्रथम पद) - - (प्रज्ञा. पद - १६) - - ७३०) ( व्या. प्रज्ञ. श. - ३४, सूत्र - ८५१ ) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय २, सूत्र - ३० अणाहारे णं भंते ! अणाहार एत्ति पुच्छा ? गोयमा ! अणाहारए दुविहे पण्णत्ते, तं जहा छउमत्थअणाहारए, केवली अणाहारए, गोयमा ! अजहण्णमनुक्कोसेणं तिण्णिसमया । ( प्रज्ञा. पद १८, द्वार - १४ )

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