Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Part 02
Author(s): Udayprabhvijay
Publisher: Keshar Chandra Prabhav Hem Granthmala

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Page 360
________________ ३२८ परिशिष्ट-५ . तत्त्वार्थाधिगमसूत्राणां बीजभूत “आगम सूत्राणि . तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३१ गब्भवक्कन्तिया..... (उत्त. - ३६, गाथा - ११७) अंडया पोतया जराउया..... समुच्छिया..... उववाइया। (दशवैकालिक अध्याय - ४, प्रसाधिकार) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३२ कइविहाणं भंते ! जोणी पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पण्णत्ता, तं जहा - सीया जोणी, उसिणा जोणी सीओसिणा जोणी। तिविहा जोणी पण्णत्ता, तं जहा - सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी। तिविहा जोणी पण्णत्ता, तं जहा - संवुडा जोणी, वियडा जोणी, संवुडवियडा जोणी। (प्रज्ञा. योनिपद - ९) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३३ अंडया पोतया जराउया। (दश. अध्याय - ४) गब्भवक्कंतियाय। (प्रज्ञा. - १ पद) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३४ दोण्हं उववाए पण्णत्ते देवाणं चेव नेरइयाणं चेव। (स्था. स्थान - २, उद्दे. - ३, सूत्र - ८५) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३५ संमुच्छिमाय इत्यादि। (प्रज्ञा. पद - १) (सूत्रकृतांग द्वितीय श्रुतस्कंध, तृतीयाध्ययन) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३६ कति णं भंते : सरीरया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता, तं जहा - "औरालिते, वेउव्विए, आहारए, तेयए, कम्मए।" (प्रज्ञा. शरीर पद - २१) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ३७, ३८, ३९ गोयमा ! सव्वत्थोवा आहारगसरीरा दवट्ठयाए वेउव्वियसरीरा दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा ओरालियसरीरा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा तेयाकम्मसरीरा दोवि तुल्ला दव्वट्ठयाए अणंतगुणा, पदेसट्ठाए सव्वत्थोवा आहारगसरीरा पदेसट्ठाए वेउब्वियसरीरा पदेसट्ठाए असंखेज्जगुणा ओरालियसरीरा पदेसट्ठाए असंखेज्जगुणा तेयगसरीरा पदेसट्ठाए अणंतगुणा कम्मगसरीरा पदेसट्ठाए अणंतगुणा इत्यादि। (प्रज्ञा. शरीर पद - २१) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - ४० अप्पडिहयगई। (राज. प्र. सूत्र - ६६)

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