Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Part 02
Author(s): Udayprabhvijay
Publisher: Keshar Chandra Prabhav Hem Granthmala
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परिशिष्ट-५ . तत्त्वार्थाधिगमसूत्राणां बीजभूत “आगम सूत्राणि" . तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - १४
से किं तं ओराला तसा पाणा ? चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा - बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेदिया।
(जीवाभिगम प्रतिपत्ति - १, सूत्र - २७) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - १५ कति णं भंते ! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचेंदिया पण्णत्ता।
(प्रज्ञा. सूत्र - १५, इन्द्रिय पद उद्दे. - सू. १९१) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - १६
कइविहा णं भंते ! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - दव्विंदिया य भाव्विंदिया य।
___ (प्रज्ञा. पद - १५, उद्दे - १) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - १७
कइविहा णं भते ! इंदियउवचए पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहा इंदियउवचए पण्णत्ते । कइविहे णं भंते ! इन्दियणिवत्तणा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियणिवत्तणा पण्णत्ता।
(प्रज्ञा. उद्दे. - २, इन्द्रिय पद - १५) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - १८
कतिविहा णं भंते ! इन्दियलद्धी पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियलद्धी पण्णत्ता।
कतिविहा णं भंते ! इन्दिय उवउगद्धा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियउवउगद्धा पण्णत्ता।
(प्रज्ञा. उद्दे. - २, इन्द्रिय पद - १५) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - २०
सोइन्दिए चक्खिंदिए घाणिदिए जिभिंदिए फासिदिए। (प्रज्ञा. इन्द्रिय पद - १५) पंच इन्दियत्था पण्णत्ता, तं जहा - सोइन्दियत्थे जाव फासिंदियत्थे ।
(स्था. स्थान - ५, उद्दे. - ३, सूत्र - ४४३) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - २१ सुणइत्ति सुअं।
(नन्दि सूत्र - २४) तत्त्वार्थसूत्र अध्याय - २, सूत्र - २२
से किं तं एगिंदियसंसारसमावन्नजीवपण्णवणा ? एगिंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा - पुढवीकाइया, आउकाइया, तेउकाइया, वाउकाइया, वणस्सइकाइया।
(प्रज्ञा. प्रथम पद)

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