Book Title: Tao Upnishad Part 04
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 2
________________ लाओत्से कठता कि यो मंजिल चलिए दिया al का अर्थ छ । ताओ कोई मंजिल नहीं है कि जहां पहुंचना है। मार्ग ही ताओ हैं, मार्ग ही परमात्मा है। प्रतिपल मंजिल हैं। आँच प्रतिपल का उपयोग जो आधन की तरह करेगा छ मतावादी और जो जग साध्य की तरह करता वादी हैं। ओशो


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